Vertical Nail Ridges Causes and 8 Remedies in Hindi | ऊर्ध्वाधर नाखून कटक कारण और 8 उपचार |

Vertical Nail Ridges Causes and 8 Remedies in Hindi | ऊर्ध्वाधर नाखून कटक कारण और 8 उपचार |

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नमस्कार दोस्तों,नाखूनों में वर्टिकल रिड्ज़ क्यों होते हैं और इन्हें कैसे दूर करें? | Vertical Nail Ridges Causes & Remedies in Hindi | इस ब्लॉग में आपका स्वागत है |

Vertical Nail Ridges Causes and 8 Remedies in Hindi | ऊर्ध्वाधर नाखून कटक कारण और 8 उपचार |

क्या आपके नाखूनों पर लंबी-लंबी सीधी रेखाएं दिखाई देती हैं जो ऊपर से नीचे तक चलती हैं? अगर हाँ, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इसे “Vertical Nail Ridges” कहा जाता है, और यह नाखूनों की सामान्य संरचना में बदलाव को दर्शाता है। यह आम समस्या होती है लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं और अगर सही देखभाल की जाए तो इसे ठीक भी किया जा सकता है।

इस BLOG में हम जानेंगे कि नाखूनों में वर्टिकल रिड्ज़ क्यों बनते हैं, इनके पीछे क्या कारण होते हैं, और इन्हें ठीक करने के लिए कौन से घरेलू और चिकित्सकीय उपाय अपनाए जा सकते हैं।


वर्टिकल नेल रिड्ज़ यानी नाखूनों पर लंबवत खांचे क्या होते हैं?

नाखूनों में जो लकीरें ऊपर से नीचे तक दिखाई देती हैं, उन्हें मेडिकल भाषा में “Anonychia striata longitudinalis” कहा जाता है। ये रेखाएं हल्की भी हो सकती हैं और गहरी भी। जब ये ज्यादा गहरी हो जाएं तो नाखून की बनावट खुरदरी और कमजोर दिखाई देती है।


नाखून कैसे बनते हैं?

नाखून मुख्य रूप से केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं। एक स्वस्थ नाखून लगभग 25 परतों से मिलकर बना होता है और उसकी मोटाई 0.5 mm से 1 mm तक होती है। यह चिकना, मजबूत और चमकदार होता है।

स्वस्थ नाखून के विकास के लिए अच्छी रक्त आपूर्ति बेहद ज़रूरी होती है। नाखून के नीचे की रक्त नलिकाएं न केवल पोषण पहुंचाती हैं, बल्कि नाखून की मजबूती और वृद्धि को भी नियंत्रित करती हैं।


वर्टिकल नेल रिड्ज़ होने के मुख्य कारण क्या हैं?

1. ब्रिटल नेल सिंड्रोम (Brittle Nail Syndrome)

यह सबसे सामान्य कारणों में से एक है, खासकर 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में। मेनोपॉज के बाद महिलाओं के नाखूनों में फैट और पानी की मात्रा घट जाती है, जिससे नाखून कमजोर और भुरभुरे हो जाते हैं।

2. त्वचा की बीमारियाँ

एटोपिक डर्मेटाइटिस, सोरायसिस, लाइकेन प्लानस, लाइनेर स्ट्रिएटस, डेरियर्स डिज़ीज और एलोपेसिया एरिएटा जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां न केवल त्वचा को प्रभावित करती हैं बल्कि इनके लक्षण नाखूनों पर भी दिखाई दे सकते हैं। ये बीमारियाँ नाखूनों की बनावट और गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे नाखूनों में लकीरें, कमजोरी या टूट-फूट जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

एलोपेसिया एरिएटा, जो आमतौर पर बाल झड़ने की बीमारी मानी जाती है, उसमें भी कई बार नाखूनों में बदलाव देखे जाते हैं। इसलिए अगर किसी को इन बीमारियों में से कोई भी है, तो नाखूनों की देखभाल पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

इन सभी त्वचा रोगों का असर नाखूनों पर भी होता है, जिससे वर्टिकल रिड्ज़ बन सकते हैं।

3. फंगल इंफेक्शन

हालांकि फिंगरनेल में फंगल संक्रमण बहुत कम होता है, लेकिन अगर होता है तो यह भी एक कारण हो सकता है। टोनैल फंगल इंफेक्शन अधिक सामान्य होता है और उसमें वर्टिकल रिड्ज़ दिखाई दे सकते हैं।

4. एनीमिया (Anemia)

एनीमिया होने पर शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जिससे नाखूनों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

5. थायरॉइड की समस्या

हाइपोथायरॉइडिज्म या हाइपरथायरॉइडिज्म दोनों में नाखूनों में बदलाव आ सकते हैं और वर्टिकल रिड्ज़ बन सकते हैं।

6. पोषण की कमी

विटामिन B, D, C और E की कमी, साथ ही जिंक, आयरन और बायोटिन जैसे ज़रूरी मिनरल्स की कमी, नाखूनों की सेहत पर सीधा असर डालती है। जब शरीर को ये पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते, तो नाखून कमजोर, सूखे और लकीरदार हो सकते हैं।

इसके अलावा, क्रैश डाइटिंग या बिना सोच-समझ के की गई अनहेल्दी फास्टिंग भी शरीर में पोषण की कमी का कारण बनती है, जिससे नाखूनों की ग्रोथ धीमी हो जाती है और वे टूटने या झड़ने लगते हैं। इसलिए संतुलित आहार लेना और जरूरी विटामिन व मिनरल्स की पूर्ति करना नाखूनों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है।

ये सब नाखूनों को कमजोर बनाकर रेखाएं उत्पन्न कर सकते हैं।

7. दवाइयों का असर

कुछ दवाएं जैसे कीमोथेरेपी दवाएं नाखूनों की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं और उनमें वर्टिकल रेखाएं दिखाई देती हैं।

8. नाखूनों पर अत्यधिक दबाव या चोट

जिन लोगों का काम हाथों से होता है (जैसे घरेलू काम, साफ-सफाई, बर्तन धोना), उन्हें ये रेखाएं अधिक देखने को मिलती हैं। बार-बार हाथों का पानी में डूबना, डिटर्जेंट का उपयोग करना और लगातार रगड़ का प्रभाव नाखूनों पर पड़ता है।

9. गलत मैनीक्योरिंग आदतें

क्यूटिकल्स को काटना या उन्हें बार-बार पीछे धकेलना नाखूनों की प्राकृतिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाता है, जिससे नाखून कमजोर हो सकते हैं और उनमें संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसी तरह, आक्रामक तरीके से नाखूनों को फाइल या बफ करना भी उनकी सतह को नुकसान पहुंचा सकता है और नाखूनों में लकीरें या दरारें आ सकती हैं।

इसके अलावा, जेल नेल पॉलिश का अत्यधिक उपयोग नाखूनों को सूखा और भंगुर बना देता है, जिससे उनकी मजबूती और चमक धीरे-धीरे खत्म हो जाती है। नाखूनों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए इन आदतों से बचना बहुत जरूरी है।

ये सभी आदतें नाखूनों को नुकसान पहुंचाती हैं।

आदिक जानकारी के लिए इस विडियो को जरुर देखे।


वर्टिकल नेल रिड्ज़ से छुटकारा कैसे पाएं?

1. स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करें

अगर आपके नाखूनों में लगातार लकीरें बन रही हैं या वे कमजोर हो रहे हैं, तो सबसे पहले यह जरूरी है कि आप थायरॉइड, एनीमिया या किसी भी त्वचा संबंधी रोग का सही इलाज करवाएं।

इन समस्याओं का सीधा असर नाखूनों की सेहत पर पड़ता है। इसके लिए डॉक्टर से मिलकर आवश्यक ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि शरीर में कोई पोषण की कमी या अंदरूनी समस्या तो नहीं है। जब तक इन मूल कारणों का इलाज नहीं होगा, तब तक नाखूनों की स्थिति में सुधार होना मुश्किल है।

2. पानी और डिटर्जेंट से बचाव करें

नाखूनों को पानी और डिटर्जेंट जैसे रसायनों से नुकसान से बचाने के लिए हर बार सफाई करते समय या बर्तन धोते समय रबर के दस्ताने पहनना बेहद जरूरी है। लगातार गीले वातावरण में काम करने से नाखूनों की नमी कम हो जाती है, जिससे वे सूखकर कमजोर हो सकते हैं और उन पर लकीरें बनने लगती हैं। दस्तानों का उपयोग न केवल नाखूनों की सुरक्षा करता है, बल्कि त्वचा को भी नुकसान से बचाता है। इसलिए यह एक सरल लेकिन प्रभावी आदत है जिसे रोज़मर्रा की दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।

3. पेट्रोलियम जेली लगाएं

हर रात सोने से पहले नाखूनों और उनके आसपास की त्वचा यानी क्यूटिकल्स पर पेट्रोलियम जेली (जैसे कि वैसलीन) लगाना नाखूनों को मुलायम और मजबूत बनाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह नमी को बंद कर देता है और नाखूनों को सूखने से बचाता है। अगर संभव हो तो इसके बाद कॉटन के ग्लव्स पहन लें, जिससे पेट्रोलियम जेली का असर और बढ़ जाता है और पूरी रात नाखूनों में नमी बनी रहती है। यह आदत नाखूनों की सेहत सुधारने के लिए एक आसान लेकिन असरदार उपाय है।

Vertical Nail Ridges Causes and 8 Remedies in Hindi | ऊर्ध्वाधर नाखून कटक कारण और 8 उपचार |

4. AHA या Urea युक्त नेल ट्रीटमेंट

केरासेल (Kerasal) जैसे उत्पाद, जिनमें AHA जैसे लैक्टिक एसिड और ग्लाइकोलिक एसिड के साथ-साथ यूरिया भी होता है, नाखूनों की नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। ये तत्व नाखूनों की सतह को मुलायम बनाते हैं और उनमें नमी भरकर उन्हें मजबूत करते हैं। ऐसे उत्पाद नियमित रूप से इस्तेमाल करने से नाखून धीरे-धीरे स्मूद, चमकदार और स्वस्थ दिखने लगते हैं। खासकर उन लोगों के लिए यह फायदेमंद होता है जिनके नाखून रूखे, भंगुर या लकीरदार हो जाते हैं।

5. नाखूनों को छोटा रखें

लंबे नाखून अक्सर जल्दी टूट जाते हैं या किसी चीज में उलझकर डैमेज हो सकते हैं, जिससे उनकी ग्रोथ और बनावट पर असर पड़ता है। इसलिए जब तक आपके नाखून पूरी तरह से स्वस्थ और मजबूत न हो जाएं, तब तक उन्हें छोटा और साफ-सुथरा रखना ज्यादा बेहतर होता है। इससे न केवल नाखूनों को बाहरी चोट से बचाया जा सकता है, बल्कि उनकी ग्रोथ भी सुचारु रूप से होती है और लकीरें या दरारें आने की संभावना भी कम हो जाती है।

6. आक्रामक मैनीक्योरिंग से बचें

क्यूटिकल्स को न काटना और न ही उन्हें पीछे धकेलना नाखूनों की सेहत के लिए बेहद जरूरी होता है। इन्हें प्राकृतिक रूप में रहने देना चाहिए क्योंकि ये नाखूनों को बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन से बचाने का काम करते हैं। जब हम क्यूटिकल्स को छेड़ते हैं, तो इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और नाखूनों की जड़ों को भी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए क्यूटिकल्स की देखभाल करते समय उन्हें सुरक्षित और प्राकृतिक अवस्था में रखना ही सबसे सही तरीका होता है।

7. सप्लीमेंट्स का उपयोग

डॉक्टर की सलाह से आप बायोटिन, विटामिन E, आयरन या मल्टीविटामिन सप्लीमेंट्स ले सकते हैं, जो नाखूनों की मजबूती और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, बाजार में बालों, त्वचा और नाखूनों की देखभाल के लिए खासतौर पर बनाए गए कई तरह के स्पेशल सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध हैं। ये सप्लीमेंट्स आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करके नाखूनों को मजबूत और सुंदर बनाने में मदद करते हैं। हालांकि, इन्हें लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।

8. डाइट सुधारें

अपने आहार में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे अंडे, दालें और दूध शामिल करना बहुत जरूरी है क्योंकि ये नाखूनों की मजबूती के लिए आवश्यक होते हैं। साथ ही हरी सब्जियाँ, मेवे जैसे बादाम और अखरोट, और फल जैसे पपीता और संतरा भी नियमित रूप से खाना चाहिए ताकि शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल्स मिलें। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बहुत जरूरी है ताकि शरीर और नाखून दोनों हाइड्रेटेड रहें और स्वस्थ दिखें। संतुलित और पौष्टिक आहार से नाखूनों की सेहत बेहतर होती है और वे मजबूत बनते हैं।


नाखूनों की मरम्मत में कितना समय लगता है?

नाखून पूरी तरह से बढ़कर नया बनने में करीब 6 महीने तक का समय ले सकते हैं। इसलिए आपको धैर्य रखना होगा और नियमित देखभाल करनी होगी। किसी भी उपाय से तुरंत परिणाम नहीं मिलता, लेकिन अगर आप नियमित और सही तरीके से देखभाल करेंगे तो निश्चित ही आपको फर्क महसूस होगा।


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सामग्री

नाखूनों की देखभाल के लिए आप एक घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं जिसमें 1 चम्मच नारियल तेल, आधा चम्मच नींबू रस और आधा चम्मच शहद मिलाएं। इस मिश्रण को अच्छी तरह मिलाकर नाखूनों पर लगाएं। नारियल तेल नाखूनों को मॉइस्चराइज करता है, नींबू रस उन्हें चमकदार बनाता है और शहद नाखूनों को पोषण देता है। इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने से आपके नाखून मजबूत और सुंदर दिखने लगेंगे।

कैसे करें इस्तेमाल

सभी सामग्री को अच्छी तरह मिलाकर इसे नाखूनों पर लगाएं और लगभग 15 मिनट तक छोड़ दें। इसके बाद नाखूनों को हल्के गुनगुने पानी से धो लें। इसे सप्ताह में दो बार नियमित रूप से करने से आपके नाखूनों में चमक और मजबूती आने लगेगी। यह आसान घरेलू उपाय नाखूनों की सेहत सुधारने में बहुत मददगार साबित होता है।


आख़िर में क्या समझना ज़रूरी है?

नाखूनों में वर्टिकल रिड्ज़ कोई गंभीर समस्या नहीं होती लेकिन यह शरीर की पोषण स्थिति, हार्मोनल बैलेंस और देखभाल की आदतों का संकेत जरूर होती है। सही जानकारी, संतुलित खानपान, घरेलू उपचार और धैर्य से आप इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं। अगर स्थिति गंभीर हो जाए या दर्द हो, तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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