Right Upper Quadrant Pain

Pain Under Right Upper Quadrant | दायी पसली के नीचे दर्द | 5 कारण, लक्षण और इलाज |

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नमस्कार दोस्तों,दायी पसली के नीचे दर्द के कारण, लक्षण और इलाज | Right Upper Quadrant Pain in Hindi | इस ब्लॉग में आपका स्वागत है |

Right Upper Quadrant Pain

चलो आपको भी दायी पसली के नीचे दर्द को कहना हे Bye तो ये ब्लॉग जरुर पढ़े

क्या आपको कभी दायी पसली (दायी पसली के नीचे दर्द के कारण, लक्षण और इलाज | Right Upper Quadrant Pain )के नीचे यानी पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द हुआ है? अगर हां, तो यह सामान्य नहीं है। इस हिस्से में दर्द होना कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। इस Blog में हम जानेंगे कि दायी पसली के नीचे दर्द के क्या-क्या कारण हो सकते हैं, कौन-कौन से अंग इसमें शामिल हो सकते हैं, कौन-सी बीमारियां इससे जुड़ी होती हैं, और इलाज के संभावित तरीके क्या हैं।


दायी पसली के नीचे का हिस्सा कौन सा होता है और क्यों होता है वहां दर्द?

शरीर का जो भाग दाईं ओर की पसलियों के नीचे होता है, उसे मेडिकल भाषा में Right Upper Quadrant कहा जाता है। इस क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण अंग मौजूद होते हैं

दायी पसली के नीचे यानी पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में शरीर के कई महत्वपूर्ण अंग मौजूद होते हैं। इस हिस्से में सबसे बड़ा अंग लीवर होता है, जो शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने, पाचन में मदद करने और ऊर्जा संग्रहित करने का काम करता है। इसके पास ही गॉल ब्लैडर स्थित होता है, जो लीवर द्वारा बनाई गई पित्त को जमा करके भोजन पचाने में सहायता करता है।

इसके अलावा यहां डुओडेनम होता है, जो छोटी आंत का पहला भाग है और खाना पचाने की प्रक्रिया यहीं से शुरू होती है। दाहिनी ओर की किडनी भी इसी क्षेत्र में होती है, जो शरीर का अपशिष्ट यूरीन के रूप में बाहर निकालती है। बड़ी आंत का एक हिस्सा भी इसी हिस्से से होकर गुजरता है, जो भोजन के अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया में मदद करता है।

साथ ही पैंक्रियास का सिरा भी इस क्षेत्र में होता है, जो इंसुलिन और पाचन एंजाइम बनाता है। इन सबके बीच बाइल डक्ट्स होती हैं, जो लीवर और गॉल ब्लैडर से पित्त को आंतों तक पहुंचाने का काम करती हैं। इसलिए, इन किसी भी अंग में खराबी होने पर दायी पसली के नीचे दर्द हो सकता है।

इसलिए, अगर इस हिस्से में दर्द हो रहा है, तो इसके पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं।


दायी पसली के नीचे दर्द के संभावित कारण

1. लीवर से जुड़ी समस्याएं

हेपेटाइटिस (Hepatitis)

जब लीवर में सूजन आ जाती है, तो इसे चिकित्सकीय भाषा में हेपेटाइटिस कहा जाता है। यह सूजन कई कारणों से हो सकती है, जैसे कि वायरल संक्रमण (जैसे हेपेटाइटिस A, B, या C), अधिक मात्रा में शराब का सेवन, या कुछ खास दवाओं का साइड इफेक्ट। लीवर में सूजन होने पर व्यक्ति को पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है, साथ ही कमजोरी, हल्का या तेज बुखार, और कई बार पीलिया भी हो जाता है, जिसमें आंखों और त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है। यह स्थिति शरीर को काफी प्रभावित कर सकती है, इसलिए समय पर जांच और इलाज बेहद ज़रूरी होता है।

फैटी लिवर

जब किसी व्यक्ति का वजन अधिक होता है, या उसे डायबिटीज जैसी समस्या होती है, या वह अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करता है, तो इन कारणों से लीवर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसके चलते लीवर का आकार धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, और जब लीवर बड़ा होता है तो उसके ऊपर मौजूद झिल्ली (कैप्सूल) खींचने लगती है, जिससे पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस होता है। यह दर्द हल्का भी हो सकता है और तीव्र भी, और यह संकेत होता है कि लीवर पर असर पड़ रहा है।

लीवर कैंसर या ट्यूमर

अगर किसी व्यक्ति को धीरे-धीरे बढ़ने वाला दर्द महसूस हो रहा है, खासकर पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में, तो यह एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। इसके साथ-साथ अगर वजन लगातार कम हो रहा है, शरीर में हमेशा थकान बनी रहती है, और भूख भी कम लगने लगी है, तो यह लक्षण किसी गंभीर लीवर संबंधी समस्या या लीवर कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं। ऐसे में बिना देर किए डॉक्टर से जांच कराना जरूरी होता है।

लिवर ट्रॉमा (चोट)

अगर किसी व्यक्ति को तेज़ एक्सीडेंट होता है या पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में कोई चोट लगती है, तो इससे कभी-कभी लीवर डैमेज हो सकता है। लीवर बहुत ही नाजुक अंग होता है, और किसी भी बाहरी चोट या ट्रॉमा से उसमें अंदरूनी खून का रिसाव या सूजन हो सकती है, जो बाद में तेज दर्द और अन्य जटिल लक्षणों का कारण बन सकती है। ऐसी स्थिति में तुरंत मेडिकल जांच कराना बेहद जरूरी होता है।

कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर

जब दिल ठीक से काम नहीं करता या उसमें कमजोरी आ जाती है, तो शरीर के अन्य अंगों में खून का प्रवाह प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में लीवर में खून जमा होने लगता है, जिससे उसका आकार धीरे-धीरे बढ़ जाता है। लीवर के बाहर एक झिल्ली जैसी परत होती है जिसे कैप्सूल कहते हैं। जब लीवर बड़ा होता है, तो यह कैप्सूल खिंचने लगता है, जिससे दाईं पसली के नीचे दर्द महसूस होता है। यह दर्द कभी-कभी हल्का और कभी तेज़ हो सकता है, और अक्सर दिल की किसी पुरानी बीमारी से जुड़ा होता है।


2. गॉल ब्लैडर और बाइल डक्ट्स से जुड़ी बीमारियां

गॉल स्टोन (Gallstones)

यह सबसे सामान्य कारणों में से एक होता है। जब व्यक्ति भोजन करता है, खासकर तला-भुना या वसायुक्त खाना, तो कुछ समय बाद दाईं तरफ पसली के नीचे दर्द शुरू हो सकता है। इसके साथ ही अक्सर जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। यह समस्या आमतौर पर गॉल ब्लैडर से जुड़ी होती है और पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी इसका मुख्य कारण बनती है।

एक्यूट और क्रॉनिक कोलेसिस्टाइटिस

गॉल ब्लैडर में सूजन एक आम समस्या है, जो पथरी (स्टोन) की वजह से हो सकती है, लेकिन कई बार बिना स्टोन के भी यह सूजन हो जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति को तेज बुखार, ठंड लगना और दाईं तरफ तीव्र दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द अचानक शुरू होता है और बहुत असहज कर सकता है, खासकर खाने के बाद। यह समस्या गॉल ब्लैडर इंफेक्शन या पित्त रस के बहाव में रुकावट के कारण भी हो सकती है।

गॉल ब्लैडर कैंसर

अगर किसी व्यक्ति को लगातार दर्द बना रहता है, उसके शरीर का वजन धीरे-धीरे कम होता जा रहा है और भूख भी नहीं लगती है, तो ये सभी लक्षण किसी अंदरूनी बीमारी का संकेत हो सकते हैं। यह जरूरी है कि ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज न किया जाए और तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से जांच करवाई जाए, क्योंकि समय रहते इलाज मिलने पर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।

कॉमन बाइल डक्ट ब्लॉकेज (CBD Obstruction)

अगर किसी व्यक्ति को पीलिया हो रहा है, पेट में लगातार दर्द बना हुआ है और साथ में बुखार भी आता है, तो ये लक्षण किसी गंभीर संक्रमण की ओर इशारा कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में इसे मेडिकल भाषा में Ascending Cholangitis कहा जाता है, जो पित्त नलिकाओं में संक्रमण के कारण होता है। यह एक आपातकालीन स्थिति हो सकती है, इसलिए समय रहते इलाज करवाना बहुत जरूरी होता है।


3. रक्त प्रवाह की समस्याएं (Vascular Issues)

बड कीयारी सिंड्रोम (Budd-Chiari Syndrome)

जब लीवर से खून निकालने वाली नसें ब्लॉक हो जाती हैं, तो शरीर में कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इस स्थिति में पेट में दर्द होने लगता है, सूजन आ जाती है और पीलिया जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह एक गंभीर समस्या हो सकती है, इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पोर्टल वेन थ्रॉम्बोसिस

अगर लीवर को खून ले जाने वाली नस में थक्का बन जाता है, तो इससे रक्त का प्रवाह रुक सकता है, जिससे लीवर सही तरह से काम नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में व्यक्ति को पेट में भारीपन महसूस होता है और लगातार दर्द बना रह सकता है। यह समस्या गंभीर हो सकती है, इसलिए समय पर जांच और इलाज कराना बहुत जरूरी होता है।


4. पेट और आंतों से जुड़ी समस्याएं

डुओडेनल अल्सर

अगर छोटी आंत की शुरुआत में अल्सर हो जाता है, तो इससे पेट में तेज़ दर्द होने लगता है। यह दर्द खासकर तब और ज्यादा बढ़ जाता है जब व्यक्ति खाना खाता है। यह स्थिति बहुत तकलीफदेह हो सकती है और समय रहते इलाज न हो तो समस्या गंभीर रूप ले सकती है, इसलिए ऐसे लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।

कोलाइटिस या आंतों का संक्रमण

अगर किसी व्यक्ति को बुखार के साथ डायरिया हो रहा है और पेट में दर्द भी महसूस हो रहा है, तो यह किसी संक्रमण या आंतों से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि समय पर इलाज न मिलने पर स्थिति बिगड़ सकती है। बेहतर होगा कि तुरंत डॉक्टर से जांच करवाकर उचित उपचार शुरू किया जाए।

एपेंडिसाइटिस

शुरुआत में अक्सर पेट के ऊपर के दाएं हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द कभी-कभी हल्का होता है, लेकिन अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो यह बढ़कर गंभीर समस्या बन सकता है। इसलिए जब भी पेट के इस हिस्से में दर्द हो, तो जल्दी से डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है ताकि सही कारण का पता चल सके और समय पर इलाज हो सके।

पैंक्रियास की समस्या

पैंक्रियाटाइटिस या पैंक्रियास कैंसर जैसी बीमारियों में पेट में दर्द पीठ तक फैल सकता है। इसके साथ उल्टी और बुखार भी हो सकते हैं। यह गंभीर स्थिति होती है, इसलिए अगर ऐसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी होता है ताकि सही जांच और इलाज शुरू किया जा सके।

आदिक जानकारी के लिए इस विडियो को जरुर देखे।


5. किडनी और मूत्र प्रणाली की समस्याएं

पाइलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis)

किडनी में संक्रमण होने पर व्यक्ति को पेशाब करते समय जलन महसूस होती है, साथ ही बुखार और पेट या कमर में दर्द भी हो सकता है। यह स्थिति बहुत ही परेशान करने वाली होती है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो संक्रमण और बढ़ सकता है। इसलिए ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है ताकि सही उपचार मिल सके।

किडनी स्टोन

जब मूत्र नली में स्टोन (पत्थर) बन जाता है, तो इसके कारण दाएं तरफ पेट या पीठ में तेज़ दर्द महसूस होता है। यह दर्द अचानक शुरू हो सकता है और बहुत तीव्र हो सकता है। ऐसे में जल्दी से डॉक्टर से मिलकर सही जांच और इलाज कराना जरूरी होता है ताकि दर्द से राहत मिल सके और समस्या बढ़े नहीं।

हाइड्रोनेफ्रोसिस

जब पेशाब की निकासी में कोई बाधा आ जाती है, तो किडनी में पानी भरने लगता है जिससे किडनी फूल जाती है। इससे किडनी की कार्यक्षमता कम हो जाती है और व्यक्ति को पेट या कमर में दर्द भी हो सकता है। इस स्थिति को गंभीर माना जाता है, इसलिए अगर पेशाब में समस्या महसूस हो या किडनी फूलने के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

एड्रिनल ग्रंथि के रोग

कुछ गंभीर बीमारियाँ भी इस क्षेत्र में दर्द का कारण बन सकती हैं, जैसे कि ट्यूबरकुलोसिस या ट्यूमर। ये बीमारियाँ धीरे-धीरे बढ़ती हैं और लंबे समय तक दर्द या असहजता पैदा कर सकती हैं। इसलिए अगर दाईं पसली के नीचे दर्द लगातार बना रहे तो डॉक्टर से जांच कराना बहुत जरूरी होता है।


अन्य कारण (अन्य अंगों से रेफर हुए दर्द)

दाईं पसली के नीचे दर्द के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। जैसे हरपीज जोस्टर नामक बीमारी में स्किन पर लाल रैश और तेज जलन होती है। महिलाओं में फिट्ज ह्यू कर्टिस सिंड्रोम होता है, जो पेल्विक इंफेक्शन के बाद लीवर के चारों ओर के कैप्सूल में सूजन पैदा करता है।

इसके अलावा, अगर दाहिने फेफड़े में निमोनिया या कोई संक्रमण हो तो भी इस क्षेत्र में दर्द महसूस हो सकता है। कभी-कभी रिब फ्रैक्चर या मांसपेशियों में खिंचाव जैसी चोटें भी दर्द का कारण बन सकती हैं। इसलिए दर्द के सही कारण का पता लगाने के लिए अच्छी तरह जांच आवश्यक होती है।


लक्षणों के आधार पर बीमारी की पहचान (Diagnosis Approach)

दर्द की प्रकृति को समझना बहुत जरूरी होता है, जैसे कि दर्द तीव्र है या लगातार बना रहता है, या फिर जलन जैसा महसूस होता है। साथ ही यह जानना भी जरूरी है कि दर्द कब होता है — क्या यह खाने के बाद होता है, सुबह उठने पर या रात को। दर्द के साथ जुड़े अन्य लक्षणों को भी ध्यान में रखना चाहिए, जैसे बुखार, उल्टी, पीलिया या भूख न लगना। इसके अलावा, किसी व्यक्ति का पुराना मेडिकल इतिहास भी महत्वपूर्ण होता है, जैसे डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर, फैटी लिवर या गॉल स्टोन जैसी बीमारियां। इन सभी बातों से डॉक्टर को सही निदान में मदद मिलती है।


दायी पसली के नीचे दर्द के लिए जरूरी जांच और टेस्ट कौन-कौन से हैं?

डॉक्टर लक्षणों के आधार पर इन जांचों की सलाह दे सकते हैं

ब्लड टेस्ट

LFT यानी लीवर फंक्शन टेस्ट से लीवर की सेहत का पता चलता है कि वह सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। इसके अलावा CBC, ESR और CRP जैसे टेस्ट भी होते हैं जो शरीर में सूजन या संक्रमण की स्थिति जानने में मदद करते हैं। KFT यानी किडनी फंक्शन टेस्ट से किडनी की कार्यप्रणाली की जांच होती है ताकि पता चल सके कि किडनी ठीक से अपने काम कर रही है या नहीं। ये सभी टेस्ट मिलकर डॉक्टर को सही diagnosis और इलाज में सहायता देते हैं।

अल्ट्रासाउंड एबडॉमेन

इन टेस्ट्स से पता चलता है कि कहीं स्टोन तो नहीं है, लीवर में फैटी लिवर जैसी समस्या तो नहीं है, या कहीं सूजन तो नहीं हुई है। इससे डॉक्टर को बीमारी का सही कारण जानने और इलाज तय करने में आसानी होती है।

CT Scan / MRI

यह जांच कैंसर, लीवर में गांठ या लीवर की किसी भी तरह की चोट या नुकसान का पता लगाने के लिए की जाती है। इससे डॉक्टर को लीवर की गंभीर समस्याओं का सही निदान करने में मदद मिलती है।

ERCP / MRCP

यह जांच बाइल डक्ट और गॉल ब्लैडर की समस्या को समझने और सही निदान करने के लिए की जाती है। इससे इन अंगों में होने वाली सूजन, स्टोन या अन्य किसी बीमारी का पता चलता है।

 Right Upper Quadrant

इलाज कैसे किया जाता है?

इलाज पूरी तरह से दर्द के कारण पर निर्भर करता है:

बीमारीसंभावित इलाज
हेपेटाइटिसआराम, दवाएं, खानपान सुधार
गॉल स्टोनऑपरेशन (Cholecystectomy)
लिवर कैंसरकीमोथेरेपी, सर्जरी, ट्रांसप्लांट
डुओडेनल अल्सरएंटासिड, PPI, हेलिकोबैक्टर पाइलोरी का इलाज
पैंक्रियाटाइटिसहॉस्पिटल में भर्ती, IV Fluids, Pain management
किडनी स्टोनदर्दनिवारक, स्टोन तोड़ने की दवा या सर्जरी
एड्रिनल ग्लैंड डिज़ीजहॉर्मोन थेरेपी या सर्जरी

घरेलू उपाय – केवल हल्के मामलों में (डॉक्टर की सलाह के बाद)

हल्का और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए और तली-भुनी चीज़ों से बचना चाहिए। हल्दी वाला दूध या गुनगुना पानी पीने से भी राहत मिलती है। अगर पेट में गैस या मांसपेशियों में खिंचाव हो तो पेट पर गर्म पानी की बोतल रखने से आराम मिलता है।

ध्यान दें: यह उपाय केवल तभी करें जब दर्द बहुत हल्का हो। कभी भी स्वयं-इलाज न करें।


कब डॉक्टर को दिखाएं?

दर्द लगातार बना हुआ होता है और इसके साथ बुखार, उल्टी या पीलिया भी हो सकता है। वजन अचानक कम होने लगता है और भूख भी कम हो जाती है। साथ ही, पेशाब में जलन होती है या उसका रंग बदल जाता है। ये सभी लक्षण गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं।


आख़िर में क्या समझना ज़रूरी है?

दायी पसली के नीचे दर्द ( Right Upper Quadrant Pain) एक साधारण लक्षण नहीं है। इसके पीछे कई गंभीर कारण हो सकते हैं, जो लीवर, गॉल ब्लैडर, किडनी या आंतों से जुड़े हो सकते हैं। सही समय पर जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

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