नमस्कार दोस्तों,Monsoon Health Tips | Easy and effective ways to stay healthy during the rainy season | मॉनसून हेल्थ टिप्स | बारिश के मौसम में स्वस्थ रहने के आसान और असरदार उपाय | इस ब्लॉग में आपका स्वागत है |

शुरुआत में जानिए मौसम से जुड़ी जरूरी बातें
Monsoon का मौसम प्रकृति की खूबसूरत देन है। पहली बारिश की बूंदें मन को शांति देती हैं और बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी के चेहरे पर मुस्कान ले आती हैं। लेकिन यह सुहावना मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं भी लाता है जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, अपच, फंगल इन्फेक्शन, और वायरल बुखार। अगर सही सावधानियां न बरती जाएं, तो यह मौसम आनंद के बजाय बीमारियों का कारण बन सकता है।
1. भीगने के बाद पैरों को गर्म पानी से धोकर सेंकना जरूरी
जब आप बारिश में भीगकर घर आते हैं, तो सबसे जरूरी काम यह है कि तुरंत अपने पैरों को गर्म पानी में कुछ देर के लिए डुबोएं या फिर गरम पानी की बोतल से सेंक करें। ऐसा करने से शरीर में जो ठंडक जम जाती है, वह दूर होती है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं से बचाव होता है। बरसात के मौसम में ठंड लगना आम बात है, खासकर जब पैर गीले रहते हैं। इसलिए यह एक आसान लेकिन असरदार उपाय है जो आपकी सेहत को खराब होने से बचा सकता है। यह आदत छोटी जरूर है, लेकिन शरीर को गर्म बनाए रखने और बीमारियों से दूर रखने में बहुत मददगार साबित होती है।
2. गीले कपड़ों में एसी वाले कमरे में जाने से बचें
अगर आप बारिश में भीगने के बाद सीधे एयर कंडीशनर वाले कमरे में चले जाते हैं, तो ठंडी हवा से सर्दी, खांसी और बंद नाक जैसी समस्याएं होना लगभग तय है। गीले कपड़ों के साथ ठंडे वातावरण में रहने से शरीर का तापमान अचानक गिर जाता है, जिससे श्वसन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि पहले अपने गीले कपड़े बदलें, शरीर को अच्छे से सुखाएं और उसके बाद ही एसी वाले कमरे में जाएं। यह एक साधारण सी सावधानी है, जो आपको कई तरह की बीमारियों से बचा सकती है।
3. बारिश में दिन में न सोएं, केवल थोड़ी देर की झपकी लें
आयुर्वेद के अनुसार, वर्षा ऋतु में दिन के समय ज्यादा देर तक सोना सेहत के लिए ठीक नहीं माना जाता। इस मौसम में पाचन तंत्र पहले से ही कमजोर होता है और दिन में सोने से यह और भी धीमा पड़ जाता है। साथ ही, इससे शरीर में आलस्य बढ़ता है और ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है। अगर आप थकावट महसूस कर रहे हों तो 15 से 20 मिनट की हल्की झपकी ले सकते हैं, लेकिन एक घंटे या उससे ज्यादा देर तक सोना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इस मौसम में दिन की नींद से बचना बेहतर होता है।
4. शरीर को गर्म रखने वाले योग और प्राणायाम रोज करें
बारिश के मौसम में शरीर का तापमान अक्सर कम हो जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। इसे संतुलित रखने के लिए कुछ खास योग और प्राणायाम सुझाए हैं
बारिश के मौसम में शरीर की गर्मी बनाए रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए कुछ विशेष योग और प्राणायाम बेहद उपयोगी होते हैं। डॉ. हंसा जी योगेंद्र के अनुसार, इस मौसम में नीचे दिए गए अभ्यास जरूर करने चाहिए:
- कुंभक प्राणायाम – यह प्राणायाम श्वास को कुछ क्षणों तक रोकने की विधि है, जिससे शरीर में ऊर्जा और गर्मी उत्पन्न होती है। यह मानसिक स्थिरता भी बढ़ाता है।
- अनुलोम-विलोम – यह नाड़ी शोधन प्राणायाम है, जो शरीर के वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है। यह फेफड़ों को मजबूत करता है और ठंडी-गर्मी से होने वाली समस्याओं से बचाता है।
- कपालभाति – यह एक शक्तिशाली क्रिया है जिससे शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है, मेटाबॉलिज्म तेज होता है और पाचन तंत्र बेहतर काम करता है।
- डायनामिक आसन (सक्रिय योगासन) – ये ऐसे आसन होते हैं जो शरीर में हलचल और गर्मी लाते हैं। जैसे ताड़ासन, त्रिकोणासन, सूर्य नमस्कार आदि। ये आसन शरीर की सुस्ती दूर कर ऊर्जा का संचार करते हैं।
इन सभी अभ्यासों को रोजाना सुबह या शाम करने से बारिश के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
इनसे शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।
आदिक जानकारी के लिए इस विडियो को जरुर देखे।
5. व्यायाम का सही समय है सुबह 6 से 10 और शाम 6 से 10 बजे
आयुर्वेद के अनुसार, सुबह 6 से 10 बजे और शाम 6 से 10 बजे तक का समय ‘कफ काल’ कहलाता है। इस समय शरीर में कफ दोष अधिक सक्रिय रहता है, जिससे शरीर में भारीपन, सुस्ती और जमाव महसूस हो सकता है। ऐसे समय में अगर आप हल्का-फुल्का व्यायाम या योग करते हैं, तो यह शरीर की अतिरिक्त ठंडक और कफ को संतुलित करता है। साथ ही, इससे श्वसन तंत्र भी मजबूत होता है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से बचाव होता है। इसलिए कफ काल में नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करना चाहिए।
6. बैठे समय सिर को ढककर रखें ताकि ठंड न लगे
अगर आप बारिश के मौसम में किसी भी शारीरिक गतिविधि के बिना लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो अपने सिर को टोपी, स्कार्फ या रुमाल से ढक कर रखें। ऐसा करने से सिर में ठंड नहीं चढ़ती और नाक बंद होना, बार-बार छींक आना या सिरदर्द जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। सिर को गर्म रखना एक छोटी लेकिन बहुत ही प्रभावी आदत है, जो खासकर मॉनसून के समय में आपकी सेहत को बिगड़ने से बचा सकती है। यह आदत सर्दी-जुकाम से बचाव में मदद करती है और शरीर के तापमान को संतुलित बनाए रखती है।
7. हमेशा गर्म और ताजा पका हुआ खाना खाएं
वर्षा ऋतु में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, इसलिए आपको ताजा और गर्म खाना ही खाना चाहिए
बरसात के मौसम में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है, इसलिए खानपान में खास सावधानी बरतना जरूरी है। दिन की शुरुआत आप एक गिलास गर्म दूध में हल्दी, काली मिर्च और थोड़ा सा देशी घी (विशेषकर गाय का घी) मिलाकर करें। यह मिश्रण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और पाचन में भी मदद करता है।
पूरे दिन हल्का गर्म पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर अंदर से गर्म बना रहे और विषैले तत्व बाहर निकल सकें। अपने खाने में अदरक, लहसुन और काली मिर्च को जरूर शामिल करें, ये न केवल स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि शरीर में गर्मी भी पैदा करते हैं। साथ ही, बासी खाना, फ्रिज में रखा पुराना भोजन, मैदा से बनी चीजें और अत्यधिक मसालेदार व तेलीय भोजन से परहेज करें, क्योंकि ये सब पाचन को और बिगाड़ सकते हैं।
8. बारिश में कच्ची और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचें
जैन साहित्य में वर्षा ऋतु के दौरान हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे धनिया, पालक, मेथी आदि के सेवन से परहेज़ करने की सलाह दी गई है। इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि बारिश के मौसम में इन सब्जियों पर बैक्टीरिया, फंगस और कीड़े-मकोड़े बहुत जल्दी पनपते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। मिट्टी में अधिक नमी होने के कारण इन सब्जियों को साफ करना भी कठिन हो जाता है। इसलिए इस मौसम में सलाद या किसी भी तरह की कच्ची और हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से पूरी तरह बचना ही समझदारी है। बेहतर होगा कि आप पकी हुई, ताजी और गरम सब्जियों को ही अपने आहार में शामिल करें।
9. तली-भुनी चीजों के बाद गर्म पानी ज़रूर पिएं
बारिश के मौसम में गरमागरम पकौड़े और भजिए खाने का मन किसका नहीं करता? ये मौसम का मजा ही कुछ ऐसा होता है। लेकिन तली-भुनी चीजें खाने के बाद शरीर पर इसका असर न पड़े, इसके लिए कुछ सावधानियां जरूरी हैं। इन्हें खाने के बाद एक कप गुनगुना पानी जरूर पिएं, ताकि खाना ठीक से पच सके और गले में जलन या खराश न हो। साथ ही, अगर संभव हो तो नमक मिले गरम पानी से गरारे करें। यह गले और फेफड़ों को साफ रखने में मदद करता है और संक्रमण से बचाव करता है। इस तरह आप स्वाद का भी आनंद ले सकते हैं और सेहत का भी ध्यान रख सकते हैं।
10. दही खाएं लेकिन सही समय पर
दही एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है, लेकिन इसे सही समय और तरीके से खाना बेहद जरूरी है। बारिश के मौसम में खासतौर पर खट्टा दही या रात के समय दही खाना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे सर्दी-जुकाम, कफ और पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए बेहतर यही है कि आप दही को सुबह के नाश्ते में या दोपहर के भोजन के साथ लें। अगर दही ताजा और हल्का हो तो यह शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ पाचन क्रिया को भी दुरुस्त करता है। लेकिन रात में दही का सेवन पूरी तरह से टालना चाहिए, खासकर मानसून के दौरान।

11. अतिरिक्त कपड़े और जूते हमेशा रखें
बारिश में भीगना आम बात है, लेकिन गीले कपड़ों और जूतों को ज्यादा देर तक पहनने से फंगल इंफेक्शन और सर्दी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए
बारिश में बाहर जाने पर हमेशा एक अतिरिक्त सूखे कपड़ों और जूतों का सेट साथ रखें, ताकि यदि आप भीग जाएँ तो तुरंत कपड़ा बदल सकें। भीगे कपड़ों में ज्यादा देर रहने से ठंड लगने और फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए घर लौटते ही या ऑफिस पहुँचते ही तुरंत कपड़े बदल लें। साथ ही, जब तक आप पूरी तरह से सूख न जाएँ, फैन या एयर कंडीशनर के नीचे न बैठें, क्योंकि ठंडी हवा से शरीर में जमा ठंड और भी पनप सकती है। इन छोटी-छोटी सावधानियों से आप मॉनसून के मौसम में होने वाली कई सामान्य बीमारियों से बच सकते हैं और सेहतमंद रह सकते हैं।
12. पैरों के बीच की त्वचा को सुखाएं
बारिश में पैर और उंगलियों के बीच की जगह अक्सर गीली रह जाती है जिससे फंगल इन्फेक्शन, खुजली और बदबू हो सकती है। इससे बचने के लिए
बारिश के मौसम में पैरों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है, क्योंकि लगातार गीले रहने से उंगलियों के बीच फंगल इन्फेक्शन और बदबू जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जब आप बाहर से घर आएं तो सबसे पहले अपने पैर साफ पानी से धोएं और उन्हें किसी साफ सूती कपड़े से अच्छी तरह पोंछें, खासकर उंगलियों के बीच की जगह को। इसके अलावा नहाने के बाद और सोने से पहले भी पैरों की सफाई जरूर करें। यह छोटी सी आदत आपको पैरों से जुड़ी कई तकलीफों से बचा सकती है और आपकी दैनिक स्वच्छता का अहम हिस्सा बननी चाहिए।
13. सड़क पर सावधानी से चलें
बारिश के मौसम में सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए
बारिश के मौसम में सड़कें अक्सर फिसलन भरी हो जाती हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप गाड़ी धीमी गति से और सावधानी से चलाएं। खासकर मोड़ पर आते समय सतर्क रहें, क्योंकि ऐसे स्थानों पर संतुलन बिगड़ना आसान होता है। जहां सड़कें भीगी हुई या कीचड़ भरी हों, वहां अतिरिक्त सतर्कता बरतें और ब्रेक धीरे-धीरे लगाएं। इसके अलावा, गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह ध्यान भटकाता है और दुर्घटना का कारण बन सकता है। थोड़ा सतर्क रहकर आप अपने और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
मौसम को समझकर उसी के अनुसार अपनी दिनचर्या बनाएं
बारिश (Monsoon)का मौसम प्राकृतिक आनंद से भरपूर है, लेकिन यह सावधानी मांगता है। जैसा कि डॉ. हंसा जी कहती हैं, “समझदार वही होता है जो मौसम को समझकर अपनी दिनचर्या और आहार-व्यवहार को उसके अनुसार ढाल ले।”
इस लेख में बताए गए मॉनसून हेल्थ टिप्स को अपनाकर आप अपने शरीर को रोगों से सुरक्षित रख सकते हैं और बारिश की हर बूंद का आनंद ले सकते हैं।
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