Quality Health tips। top 5। ये 5 ज़रूरी हेल्थ टिप्स अपनाइए, सेहत बनाइए।

Quality Health tips। top 5। ये 5 ज़रूरी हेल्थ टिप्स अपनाइए, सेहत बनाइए।

Quality Health tips। top 5। ये 5 ज़रूरी हेल्थ टिप्स अपनाइए, सेहत बनाइए।

आज के समय में अच्छी सेहत सबसे बड़ी पूंजी है। लेकिन भागदौड़ भरी ज़िंदगी और बिगड़ती जीवनशैली की वजह से लोग सेहत का सही तरह से ध्यान नहीं रख पाते। इसका नतीजा होता है – थकान, तनाव, मोटापा, नींद की कमी, पाचन की समस्या और गंभीर बीमारियां।

इस blog में हम आपको 5 ऐसे जरूरी हेल्थ टिप्स (Health Tips) बताने जा रहे हैं, जो ना सिर्फ आपकी सेहत को बेहतर बनाएंगे बल्कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कई गुना बढ़ा देंगे। यह टिप्स न केवल आयुर्वेद और योग पर आधारित हैं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित हैं।


Table of Contents

1. शरीर का 72% हिस्सा पानी है – तो पानी का रखें पूरा ख्याल

हमारा शरीर लगभग 72% पानी से बना होता है। इसका मतलब यह है कि पानी सिर्फ प्यास बुझाने का माध्यम नहीं बल्कि जीवन की सबसे बुनियादी आवश्यकता है। लेकिन अक्सर लोग यह नहीं समझते कि किस तरह का पानी, कब और कैसे पीना चाहिए।

शुद्ध और स्थिर पानी पीना जरूरी है

पानी जब ज़ोर से पंप होकर कई मोड़ों (बेंड्स) से गुजरता है, तो उसकी संरचना (Structure) पर असर पड़ता है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि ऐसा पानी पीना तुरंत शरीर में प्रवेश करके नुकसान पहुंचा सकता है। पानी के अणु स्तर पर बदलाव आने से वह “ऊर्जाहीन” हो जाता है।

कभी भी तुरंत नल से निकलता पानी न पीएं

यह आदत आपको अंदर ही अंदर नुकसान पहुंचा सकती है। पानी को कम से कम 1 घंटे के लिए रखें ताकि उसकी संरचना फिर से सामान्य हो जाए।घर में पानी को तांबे, स्टील या मिट्टी के बर्तन में भरकर रखना एक पुरानी और प्रभावी परंपरा मानी जाती है। जब पानी को रातभर ऐसे बर्तन में स्थिर रखा जाता है, तो उसमें प्राकृतिक रूप से शुद्धता और ऊर्जा आ जाती है। इसे और अधिक ऊर्जावान बनाने के लिए बर्तन के ऊपर कुमकुम, विभूति या तुलसी का पत्ता रखने की परंपरा है। यह न सिर्फ धार्मिक विश्वास का हिस्सा है, बल्कि इससे पानी की गुणवत्ता भी बेहतर मानी जाती है। अगली सुबह इस पानी का उपयोग किया जाता है, जिसे शुद्ध और स्मरण शक्ति से मुक्त माना जाता है। यह तरीका न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि हमारे पूर्वजों की समझदारी और प्रकृति से जुड़ाव को भी दर्शाता है।


2. भोजन का कम से कम 40-50% हिस्सा कच्चा और “जिंदा” होना चाहिए

आजकल ज़्यादातर लोग प्रोसेस्ड और पूरी तरह पकाया हुआ खाना खाते हैं – ऐसा खाना जिसमें जीवन नहीं होता। जब आप मृत भोजन (Dead Food) खाते हैं, तो शरीर को उसे पचाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

क्या होता है जब आप सब कुछ पका हुआ खाते हैं?

पकाते समय भोजन के भीतर मौजूद प्राकृतिक एंजाइम (Enzymes) नष्ट हो जाते हैं। ये एंजाइम पाचन में मदद करते हैं। जब आप बिना एंजाइम वाला खाना खाते हैं, तो शरीर को खुद वो एंजाइम बनाने पड़ते हैं – जिससे आपकी ऊर्जा खर्च होती है और थकावट महसूस होती है।

जिंदा खाने में क्या-क्या आता है?

जिंदा खाना उन चीज़ों को कहते हैं जिन्हें बिना पकाए, ताजे और प्राकृतिक रूप में खाया जाता है। इसमें सबसे पहले ताजे फल और सब्जियां आती हैं, जो न सिर्फ शरीर को ज़रूरी पोषक तत्व देती हैं, बल्कि शरीर को हल्का और तरोताज़ा भी बनाए रखती हैं। इसके अलावा अंकुरित अनाज जैसे मूंग, चना और मेथी भी इसमें शामिल हैं। ये न सिर्फ पचाने में आसान होते हैं, बल्कि प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं, जिससे शरीर को ताकत मिलती है।भीगे हुए सूखे मेवे, जैसे बादाम और अखरोट, भी जिंदा खाने का हिस्सा माने जाते हैं। इन्हें रातभर भिगोकर सुबह खाया जाए तो ये शरीर को ज़रूरी ऊर्जा और अच्छे वसा (हेल्दी फैट) प्रदान करते हैं। इसके साथ ही सलाद और नारियल पानी भी जिंदा खाने में आते हैं। सलाद शरीर को ताजगी देता है, वहीं नारियल पानी शरीर को हाइड्रेट रखता है और अंदर से ठंडक पहुंचाता है। इस तरह का खाना न केवल सेहत के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि यह शरीर की प्राकृतिक सफाई में भी मदद करता है।

अगर आप अपने खाने का 40-50% हिस्सा ऐसा रखेंगे, तो आपकी पाचन क्रिया तेज होगी, इम्यूनिटी बढ़ेगी और आपकी त्वचा भी चमकने लगेगी।


3. भोजन और नींद – इनका समय और तरीका तय करें

भूख और खाली पेट – दोनों में अंतर जानिए

भूख तब लगती है जब शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता महसूस होती है। लेकिन सिर्फ पेट का खाली होना खराब नहीं है। वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि जब पेट हल्का और साफ होता है, तब मस्तिष्क और शरीर बेहतर तरीके से काम करते हैं।

खाने और अगले खाने के बीच कम से कम 8 घंटे का अंतर रखें

योग विज्ञान कहता है कि दिन में दो बार भोजन करना पर्याप्त है – बशर्ते कि वो पौष्टिक और संतुलित हो। इसका फायदा

आपका पाचन ठीक रहता है जिससे भोजन आसानी से हजम होता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। साथ ही, शरीर के अंदर मौजूद सेल्स को ठीक होने और रिपेयर होने का समय मिलता है, जिससे आपकी सेहत मजबूत होती है। इसके कारण शरीर में अनावश्यक फैट जमा नहीं होता और वजन अपने आप नियंत्रित रहता है। इस तरह से आपका शरीर स्वस्थ और फिट बना रहता है।

रात को हल्का खाना खाएं और सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले खा लें।


4. हर रात सोने से पहले नहाएं – शरीर और मन दोनों होंगे शुद्ध

नहाना सिर्फ सफाई के लिए नहीं है – यह एक आध्यात्मिक और ऊर्जात्मक प्रक्रिया है। जब आप सोने से पहले नहाते हैं, तो यह आपके शरीर और मन से दिनभर की सारी थकावट, चिंता और तनाव को धो देता है।

गर्म पानी से नहीं – गुनगुने पानी से नहाएं

गर्म पानी पीने से आपको नींद आने में मदद मिलती है और आप सुस्त महसूस कर सकते हैं। वहीं, गुनगुना पानी पीने से आप सतर्क और शांत महसूस करते हैं। इससे आपकी नींद भी बेहतर होती है और आप अगली सुबह तरोताज़ा और ऊर्जा से भरपूर उठते हैं।

यह आदत आपकी मानसिक सेहत के लिए भी बहुत जरूरी है। एक साफ, शुद्ध शरीर नींद के दौरान दिमाग को भी गहराई से आराम देता है।


5. मिट्टी से जुड़ाव – प्रकृति से रिश्ता आपको अंदर से मज़बूत बनाएगा

हमने मिट्टी से संबंध सिर्फ मृत्यु के बाद जोड़ लिया है

लेकिन ज़िंदा रहते हुए भी हमें प्रकृति के साथ संपर्क में रहना चाहिए। मिट्टी के संपर्क से शरीर में बहुत से सकारात्मक बदलाव आते हैं – विशेषकर इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक शक्ति) में जबरदस्त सुधार होता है।

क्या कर सकते हैं?

प्राकृतिक ऊर्जा से जुड़ने के लिए हफ्ते में कम से कम 2-3 बार नंगे पैर हरी घास पर चलना बहुत फायदेमंद होता है। इससे न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि शरीर में सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश करती है। पौधे लगाना और बागवानी करना भी एक अच्छा तरीका है मिट्टी से जुड़ने का। जब हम अपने हाथों से मिट्टी को छूते हैं, तो एक गहरा मानसिक और भावनात्मक जुड़ाव महसूस होता है। घर में अगर संभव हो तो एक छोटा सा गार्डन जरूर बनाएं और समय-समय पर अपने हाथ-पैर मिट्टी में डालें। चाहें तो आप मिट्टी स्नान (मड बाथ) भी कर सकते हैं, जो शरीर से विषैले तत्वों को निकालने और त्वचा को साफ करने में मदद करता है। ये सभी तरीके हमें प्रकृति के करीब लाते हैं और हमारे जीवन में संतुलन और सुकून बनाए रखते हैं।

मिट्टी से जुड़ाव क्यों जरूरी है?

जब शरीर के अंदर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, तो आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार हो जाती है। इससे थकान, आलस्य और तनाव भी कम होता है, जिससे आप अपने जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह महसूस करते हैं। यह प्रक्रिया आपके शरीर और मन दोनों के लिए बहुत फायदेमंद होती है।


सिर्फ जिंदा रहना काफी नहीं, स्वस्थ और पूर्ण जीवन जिएं

आज के समय में स्वस्थ रहने के लिए सिर्फ डॉक्टर के भरोसे रहना काफी नहीं है। आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर खुद की देखभाल करनी होगी। इन 5 साधारण लेकिन शक्तिशाली हेल्थ टिप्स को अपनाकर आप अपनी सेहत को उस स्तर पर पहुंचा सकते हैं, जहां बीमारियों के लिए कोई जगह नहीं बचे।

health tips। top 5। ये 5 ज़रूरी हेल्थ टिप्स अपनाइए, सेहत बनाइए

एक बार फिर से दोहराते हैं 5 जरूरी हेल्थ टिप्स:

  1. पानी का सही ढंग से उपयोग और ध्यान रखें
  2. अपने खाने में 40-50% “जिंदा खाना” शामिल करें
  3. सही समय पर, सही तरीके से भोजन और नींद लें
  4. रात को नहाने की आदत डालें
  5. मिट्टी से संपर्क में रहें – प्रकृति से जुड़ें

आप इन आदतों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल करें और देखें कैसे आपकी सेहत, ऊर्जा और मानसिक स्थिति में बदलाव आता है।


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आपका स्वास्थ्य – आपकी सबसे बड़ी पूंजी है। उसकी रक्षा करना आपकी ज़िम्मेदारी है।


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