
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आप सभी का मेरे चैनल “Brainbrusher.com” में।
आज हम बात करेंगे कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में, जिनकी मदद से आप अपने दाँत और मसूड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं। अगर आप इन आसान उपायों को अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में शामिल कर लेंगे, तो आपको डेंटिस्ट के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आपके दाँत पहले जैसे ही मज़बूत और ताज़ा बने रहेंगे।
अब आप कहेंगे कि हम तो रोज़ ब्रश करते हैं, फिर भी कैविटी हो जाती है, मसूड़े खराब हो जाते हैं, खून आने लगता है। लेकिन क्या आप सही तरीके से और सही समय पर ब्रश करते हैं?
बहुत से लोग सुबह तो ब्रश कर लेते हैं लेकिन रात को नहीं करते। रात में ब्रश करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि दिन भर खाया-पिया आपके मुँह में जमा रहता है। अगर आप सही ब्रशिंग टेक्निक से ब्रश नहीं करते हैं और ब्रश को सिर्फ सीधे तरीके से घिसते हैं, तो उसका कोई फायदा नहीं होता, उल्टा नुकसान हो सकता है।
मैंने पहले ही एक वीडियो में ब्रशिंग टेक्निक के बारे में विस्तार से बताया है, आप चाहें तो वो वीडियो देख सकते हैं। हमेशा सॉफ्ट ब्रिसल वाले ब्रश का इस्तेमाल करें और सही ढंग से ब्रश करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो न तो कैविटी होगी और न ही मसूड़ों में कोई परेशानी होगी।
2.ऑयल पुलिंग – तिल या नारियल तेल से कुल्ला करें
आपने शायद इस उपाय के बारे में सुना होगा। थोड़ा सा तिल का तेल या नारियल का तेल लें और उससे सुबह-शाम कुल्ला करें। तेल को मुँह में अच्छे से घुमाएं। इससे मुँह में बैक्टीरिया पनपते नहीं और दाँत व मसूड़े दोनों स्वस्थ रहते हैं। रोज़ाना करने पर आपके मुँह की सेहत बनी रहती है।
3. गरम पानी में नमक डालकर कुल्ला करें
ये एक बहुत पुराना लेकिन कारगर उपाय है। आप चाहें तो इसमें सूखा अदरक भी मिला सकते हैं। इससे मुँह की दुर्गंध, सड़न और संक्रमण से बचाव होता है। यह एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। इसे रोज़ की आदत में शामिल करें।
4.ऑयल पुलिंग – तिल या नारियल तेल से कुल्ला करें
अगर आप ज़्यादा फास्ट फूड और चिपचिपा खाना खाते हैं, तो इससे आपके मसूड़े और दाँत दोनों खराब हो सकते हैं। रोज़ के खाने में हरी सब्जियाँ, फल—खासकर सेब जरूर खाएं। कहा भी जाता है, “An apple a day keeps the dentist away.” सेब के अलावा आप संतरा भी खा सकते हैं, जो जलन कम करता है और दाँतों को मजबूत बनाता है।
5.हर 6 महीने में एक बार डेंटिस्ट से ज़रूर दिखाएं
चाहे कोई समस्या न भी हो, फिर भी नियमित जांच ज़रूरी है। इससे अगर कोई छोटी-मोटी परेशानी शुरू हो रही हो, तो समय रहते उसका इलाज हो सके और वो आगे बढ़े नहीं।

दाँत और मसूड़े हमारे शरीर का बहुत ही अहम हिस्सा हैं, क्योंकि हम जो भी खाना खाते हैं, उसे चबाने का काम दाँतों और मसूड़ों की मदद से ही होता है। मसूड़े हमारे दाँतों की जड़ होते हैं, जो उनकी मज़बूती को बनाए रखते हैं। इसलिए इन्हें साफ और स्वस्थ रखना बेहद ज़रूरी है |
सबसे पहले बात करते हैं मसूड़ों की भूमिका की
मसूड़े हमारे दाँतों की मज़बूती में बहुत बड़ा योगदान देते हैं। हालाँकि हमने ब्रश करने के तरीके पर पहले ही एक वीडियो बनाया है, जिसका लिंक आपको ऊपर ‘i’ बटन पर मिल जाएगा — आप उस पर क्लिक करके ज़रूर देखें।
ब्रश करना केवल 2 मिनट का काम है — न ज़्यादा और न कम। अगर आप ज़रूरत से ज़्यादा ब्रश करते हैं या गलत तरीके से करते हैं, तो इससे दाँत और मसूड़े दोनों कमज़ोर हो सकते हैं।
ज़्यादा ब्रश करने के नुकसान
अगर आप 2 मिनट से ज़्यादा ब्रश करते हैं, तो केराटोसिस नामक बीमारी हो सकती है, जिसमें दाँत किनारों से कटने लगते हैं। साथ ही, मसूड़े भी अपनी जगह से नीचे खिसकने लगते हैं — जैसा कि आप इस फोटो में देख सकते हैं।
इससे दाँतों में ठंडा और गर्म ज़्यादा लगने लगता है, यानी सेंसिटिविटी बढ़ जाती है। इसलिए ब्रश हमेशा दो मिनट तक ही करें और दाँतों के सभी हिस्सों में बराबर समय दें।
ब्रश करने की सही दिशा ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर होनी चाहिए। अगर आप ब्रश को सिर्फ एक ही दिशा में रगड़ते हैं, तो इससे दाँत घिसने लगते हैं और कमजोर हो जाते हैं।
ठंडा-गर्म खाना
बहुत ज़्यादा ठंडा या गर्म खाना दाँतों के लिए नुकसानदायक होता है। हमारे दाँत ठोस होते हैं और उनकी अंदरूनी नसें संवेदनशील होती हैं। ऐसे में कोई भी चीज़ बहुत गर्म या बहुत ठंडी खाने से दाँतों को नुकसान होता है। हमेशा सामान्य तापमान का खाना खाएं।
क्या खाएं?
दाँतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखने के लिए हरी सब्जियाँ और जड़ वाली सब्जियाँ जैसे गाजर, मूली आदि का सेवन जरूर करना चाहिए, खासकर जब ये कच्ची खाई जाएँ। कच्ची सब्जियाँ चबाने से मसूड़ों की प्राकृतिक रूप से मालिश होती है, जिससे वे मजबूत और स्वस्थ बने रहते हैं। इसके अलावा दूध, दही और ताज़े फलों के जूस जैसे पेय पदार्थ भी रोज़ाना लेने चाहिए, क्योंकि ये कैल्शियम और विटामिन से भरपूर होते हैं, जो दाँतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह सब मिलकर मुँह की समग्र सेहत को बेहतर बनाते हैं।
आदिक जानकारी के लिए इस विडियो को जरुर देखे।
किन चीज़ों से बचें?
चिपचिपे खाद्य पदार्थ जैसे कैरेमल, ब्रेड-बटर और चीज़ हमारे दाँतों से चिपक जाते हैं, जिससे दाँतों में बैक्टीरिया तेजी से पनपने लगते हैं। यह बैक्टीरिया धीरे-धीरे दाँतों की सतह को नुकसान पहुँचाते हैं और सड़न की शुरुआत करते हैं। इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक्स भी दाँतों के लिए बेहद हानिकारक होती हैं। ये एसिडिक होती हैं, जो दाँतों की परत को कमजोर कर देती हैं और उन्हें जल्दी खराब कर देती हैं। इन सभी चीज़ों के ज़्यादा सेवन से दाँतों में जल्दी सड़न आ सकती है और मुँह की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
मसूड़ों की मालिश कैसे करें?
ब्रश करने के बाद सबसे पहले अपने हाथों को अच्छे से साबुन से धो लें। इसके बाद अपनी उंगली पर थोड़ा सा एलोवेरा जेल, शहद या लौंग का तेल लें और मसूड़ों पर हल्के हाथों से धीरे-धीरे मालिश करें। यह मालिश मसूड़ों को आराम देती है और उनमें रक्त संचार को बेहतर बनाती है। अगर आपके मसूड़े ढीले हो गए हैं या नीचे की ओर सरक गए हैं, तो इस तरह की नियमित मालिश से वे धीरे-धीरे फिर से मज़बूत और स्वस्थ हो सकते हैं। यह एक आसान लेकिन असरदार घरेलू उपाय है मसूड़ों की देखभाल के लिए।
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यह लेख दाँत और मसूड़ों की देखभाल के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी देता है। मैंने हमेशा सोचा था कि ब्रश करना ही काफी है, लेकिन यहाँ बताया गया है कि सही तकनीक और समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है। तेल से कुल्ला करने का उपाय मुझे नया लगा, क्या यह वाकई इतना प्रभावी है? मैंने कभी इसकी कोशिश नहीं की, लेकिन अब शायद करूँगा। फास्ट फूड के नुकसान के बारे में पढ़कर मैंने सोचा कि क्या यह सिर्फ दाँतों के लिए ही खराब है या पूरे शरीर के लिए? नियमित जांच के महत्व को समझकर मैंने तय किया कि अगली बार डेंटिस्ट के पास जरूर जाऊँगा। क्या आपको लगता है कि ये सभी उपाय वाकई काम करते हैं, या कुछ और भी है जो हमें करना चाहिए?
THANKS