नमस्कार दोस्तों,Jamin and its kernels | A natural panacea for BP and digestion | जामुन और उसकी गुठली एक प्राकृतिक रामबाण इलाज डायबिटीज, बीपी और पाचन के लिए | इस ब्लॉग में आपका स्वागत है |

चलो समजते हे थोड़ी आसन भाषा में
बच्चों, आजकल हर दूसरा इंसान किसी न किसी बीमारी से जूझ रहा है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट की समस्या, पाचन तंत्र की गड़बड़ी – यह सब आम हो गया है। दवाइयाँ महंगी हैं, घरेलू नुस्खे भी कभी-कभी असर नहीं दिखाते। ऐसे में ज़रूरत है कि हम अपने आसपास मौजूद आसान, सस्ते और प्राकृतिक उपायों की ओर देखें।
आज हम बात करेंगे एक ऐसे फल की जो हमारे देश में आसानी से मिल जाता है – जामुन (Jamin)। ये फल ना केवल स्वादिष्ट है, बल्कि इसके बीज यानी गुठलियां भी बहुत काम की होती हैं। आप हैरान हो जाएंगे यह जानकर कि इन गुठलियों में छिपा है कई बीमारियों का इलाज।
जामुन: सेहत के लिए फायदेमंद एक सस्ता और चमत्कारी फल
जामुन का रंग बैंगनी होता है और इसका स्वाद हल्का खट्टा-मीठा। इसे अक्सर लोग नमक लगाकर खाते हैं। लेकिन इसके साथ एक गलती हो जाती है – हम इसकी गुठलियों को फेंक देते हैं। जबकि असली खजाना तो उन गुठलियों में ही होता है।
जामुन की गुठली के स्वास्थ्य लाभ
1. डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार
जामुन की गुठली में जैम्बोलिन (Jamboline) नामक तत्व होता है जो शरीर में शुगर को नियंत्रित करता है। यह बीज खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को स्थिर रखने में मदद करता है।
2. पाचन को सुधारता है
इन गुठलियों में मौजूद फाइबर पेट की सफाई करता है और पाचन क्रिया को तेज करता है। गैस, कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं में बहुत असरदार है।
3. ब्लड प्रेशर और दिल की सेहत
जामुन और इसकी गुठली में एंटीऑक्सीडेंट्स, आयरन और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होते हैं। यह दिल की धड़कन को सामान्य बनाए रखते हैं और बीपी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
4. त्वचा और बालों के लिए वरदान
इसके बीजों से बना मुखवास या पाउडर स्किन को ग्लोइंग बनाता है और बालों को जड़ों से मजबूत करता है।
जामुन की गुठली का चूर्ण (पाउडर) कैसे बनाएं?
जामुन की गुठलियां कैसे तैयार करें
जब आप जामुन खाएं तो उसकी गुठलियों को फेंकें नहीं। इन गुठलियों को इकट्ठा कर लें और साफ पानी से धो लें। फिर इन्हें 2-3 दिन तक धूप में अच्छे से सुखा लें। जब गुठलियां अच्छी तरह सूख जाएं, तब इन्हें मिक्सी में पीस लें। अब इस पिसे हुए पाउडर को छलनी से छानकर एक साफ और सूखी कांच की बोतल में भर लें।
जामुन की गुठलियों का पाउडर कैसे बनाएं
सबसे पहले जामुन खाकर उसकी गुठलियां इकट्ठा करें। अब इन गुठलियों को अच्छे से धो लें ताकि सारी गंदगी निकल जाए। फिर इन्हें एक सूती कपड़े पर फैला कर 2-3 दिन तक धूप में सुखाएं। जब गुठलियां पूरी तरह सूख जाएं, तो इन्हें मिक्सर में पीस लें। तैयार पाउडर को छानकर एक साफ और सूखी कांच की बोतल में भरकर रख लें।
आदिक जानकारी के लिए इस विडियो को जरुर देखे।
जामुन की गुठली का पाउडर कैसे लें
हर रोज़ सुबह खाली पेट आधा चम्मच जामुन की गुठली का पाउडर हल्के गर्म पानी के साथ लें। यह खासतौर पर शुगर यानी डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
जामुन की गुठली से टेस्टी और हेल्दी मुखवास कैसे बनाएं?
अगर आपको खाने के बाद कुछ चबाने की आदत है, तो यह मुखवास बहुत फायदेमंद साबित होगा।
जामुन की गुठली से टेस्टी मुखवास बनाने की सामग्री
इसके लिए आपको चाहिए – जामुन की सूखी गुठलियां, थोड़ा सा नींबू का रस, थोड़ा नमक, एक चम्मच घी और कुछ स्वाद बढ़ाने वाले मसाले जैसे चाट मसाला, काला नमक, अमचूर पाउडर और कश्मीरी लाल मिर्च।
जामुन की गुठली से स्वादिष्ट मुखवास कैसे बनाएं
सबसे पहले गुठलियों को धोकर अच्छे से सुखा लें। जब ये सूख जाएं, तो इन्हें छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब एक बाउल में ये टुकड़े डालें और इसमें डेढ़ नींबू का रस और थोड़ा नमक मिलाएं। इस मिश्रण को एक दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दें या पेपर पर फैला दें।
अगले दिन इन टुकड़ों को धीमी आंच पर एक चम्मच घी में भून लें। जब ये कुरकुरे हो जाएं, तो इसमें चाट मसाला, अमचूर, काला नमक और कश्मीरी मिर्च जैसे मसाले मिला लें।
ठंडा होने के बाद इस स्वादिष्ट मुखवास को किसी एयरटाइट डिब्बे में भरकर रख लें।
जामुन की गुठली से बना मुखवास क्यों है फायदेमंद
यह पेट साफ रखने में मदद करता है और पाचन ठीक रखता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत अच्छा है। स्वाद में भी बढ़िया होता है और इसमें कई औषधीय गुण होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं।
अन्य उपयोगी टिप्स
सीजनल सब्जियों को कैसे स्टोर करें – डायबिटिक मरीजों के लिए खास
जैसे कि कचरी, कमल ककड़ी, करेला आदि जो डायबिटीज में फायदेमंद होती हैं, इन्हें भी नींबू और नमक के साथ सुखाया जा सकता है।

सब्जियों को लंबे समय तक कैसे रखें
सबसे पहले सब्जियों को पतले-पतले टुकड़ों में काट लें। फिर इनमें थोड़ा नींबू का रस और नमक मिलाकर एक दिन के लिए रख दें। अगले दिन इन्हें धूप में अच्छी तरह सुखा लें। जब ये पूरी तरह सूख जाएं, तो एयरटाइट डिब्बे में भरकर रख लें। इससे आप इन्हें बिना मौसम के भी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।
जामुन की गुठली पाउडर लेने से पहले कुछ जरूरी बातें
जामुन की गुठली का पाउडर एक साथ ज्यादा ना लें। शुरुआत में सिर्फ आधा चम्मच ही लें। डायबिटीज के मरीज इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। बीजों को अच्छे से धोकर और सुखाकर ही इस्तेमाल करें, ताकि किसी तरह के बैक्टीरिया न रहें। अगर छोटे बच्चों को देना हो, तो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
जामुन की गुठली के अन्य आयुर्वेदिक उपयोग
जामुन की गुठली का आयुर्वेद में उपयोग
आयुर्वेद में जामुन की गुठली का इस्तेमाल शरीर में कफ और पित्त को संतुलित करने के लिए किया जाता है। इसका पाउडर गठिया, पेशाब की दिक्कत और पेट में कीड़े जैसी समस्याओं में भी फायदा देता है।
आख़िर में क्या समझना ज़रूरी है?
बच्चों, आपने देखा कैसे एक मामूली सा दिखने वाला फल और उसकी गुठली इतनी सारी बीमारियों का इलाज हो सकती है। अब जब भी जामुन (Jamin)खाएं, उसकी गुठली को डस्टबिन में फेंकने की बजाय सहेज कर रखें।
डायबिटीज, बीपी, पाचन – इन सबका घरेलू समाधान अगर मुफ्त में, नेचुरल रूप में मिल जाए, तो दवाइयों पर क्यों निर्भर रहें?
स्वस्थ रहें, मस्त रहें!
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