नमस्कार दोस्तों,बच्चों की गैस की समस्या कारण, लक्षण और घरेलू उपचार | Baby Gas Home Remedies in Hindi | इस ब्लॉग में आपका स्वागत है |

चलो आपके भी बच्चों को गैस की समस्या है तो ये ब्लॉग जरुर पढ़े|
बच्चों की देखभाल करना एक माँ-बाप के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। खासकर जब बच्चा बहुत छोटा हो, यानी 6 महीने से कम उम्र का, तो उनकी हर परेशानी और रोना माता-पिता को बेचैन कर देता है। कई बार देखा गया है कि बच्चा रात में अचानक बहुत ज़ोर से रोता है, दूध भी नहीं पीता और किसी भी तरीके से चुप नहीं होता। यह स्थिति कई पेरेंट्स के लिए बहुत तनावपूर्ण हो जाती है।
इस स्थिति का सबसे आम कारण होता है बेबी कोलिक (Baby Colic) या बच्चों में गैस (Baby Gas) की समस्या। यह लेख आपको विस्तार से बताएगा कि यह समस्या क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, क्यों होती है और घर पर किन आसान तरीकों से इससे राहत मिल सकती है।
बेबी पेट दर्द क्या है?
बेबी कोलिक एक सामान्य स्थिति है जिसमें बच्चा रोज़ाना देर शाम या रात में ज़ोर-ज़ोर से रोता है, और उसे चुप कराना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह आमतौर पर उन बच्चों में होता है जो 6 महीने से कम उम्र के होते हैं।
मेडिकल भाषा में इसे “Infantile Colic” कहा जाता है।
यह समस्या लगभग 22% से 40% नवजात शिशुओं में देखी जाती है। इसे बेबी चाहे मां का दूध पी रहा हो या फॉर्मूला मिल्क, दोनों ही स्थितियों में हो सकता है।
बच्चे को गैस से पीड़ित होने के क्या लक्षण हैं?
यह जानना ज़रूरी है कि क्या बच्चा सामान्य कारणों से रो रहा है या उसे कोलिक की समस्या है। नीचे दिए गए लक्षण अगर आपके बच्चे में हैं, तो यह बेबी कोलिक हो सकता है
अगर बच्चा हर दिन लगभग एक ही समय, खासकर शाम या रात के वक्त, ज़ोर-ज़ोर से रोता है और रोते समय उसका चेहरा लाल हो जाता है, तो यह सामान्य रोना नहीं हो सकता। ऐसे में बच्चा अक्सर अपनी मुट्ठी कसकर बंद कर लेता है, शरीर को मरोड़ता है और पैर पेट की ओर खींचता है। कई बार वह दूध पीना भी बंद कर देता है या बीच में ही छोड़ देता है।
शरीर को सीधा करने के बजाय वह उसे सिकोड़ लेता है। अगर यह रोना लगातार तीन घंटे से ज्यादा चले, सप्ताह में तीन बार से अधिक हो और यह स्थिति तीन हफ्तों से भी ज्यादा बनी रहे, तो इसे बेबी कोलिक या गैस की समस्या माना जा सकता है।
बच्चों के पेट में गैस क्यों बनती है?
बच्चों के पेट में गैस इसलिए बनती है क्योंकि उनका पाचन तंत्र अभी पूरी तरह विकसित नहीं होता। वे दूध पीते समय या रोते समय अक्सर हवा भी निगल लेते हैं, जिससे पेट में गैस बन जाती है। इसके अलावा, कुछ खाने या दवाईयों से भी गैस की समस्या हो सकती है।
पेट में ज्यादा गैस बनने से कौन सी बीमारी होती है?
पेट में ज्यादा गैस बनने से पेट फूलना, दर्द और कब्ज जैसी समस्या हो सकती है। कभी-कभी इससे अपच या एसिडिटी भी हो जाती है। अगर गैस बहुत ज्यादा हो और लगातार बनी रहे, तो यह पेट की अन्य बीमारियों का संकेत भी हो सकता है।
पेट की गैस निकालने के लिए कौन सा पॉइंट दबाए?
पेट की गैस निकालने के लिए नाभि के नीचे के हिस्से को हल्के से दबाना चाहिए। साथ ही, पेट के बीच में और हाथ की हथेली से पेट की मालिश करने से भी गैस निकलने में मदद मिलती है। यह आराम और दर्द कम करने में फायदेमंद होता है।
बेबी पेट दर्द के कारण
गैस बनना और बाहर न निकल पाना
छोटे बच्चों का पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता। जब बच्चा दूध पीता है, तो उसके साथ हवा भी निगल लेता है। यह हवा गैस में बदलकर पेट में फंस जाती है और दर्द का कारण बनती है।
ओवरफीडिंग या गलत फीडिंग टेक्निक
अगर बच्चा ज़रूरत से ज़्यादा दूध पी ले या बोतल से दूध पिलाने में बहुत तेज़ी हो जाए तो भी गैस बनने लगती है।
बच्चे का सही तरीके से डकार (Burping) न लेना
फीडिंग के बाद अगर बच्चे को डकार न दिलाई जाए तो गैस पेट में रह जाती है, जिससे पेट दर्द और रोना होता है।
माँ के खानपान का प्रभाव
अगर माँ बहुत अधिक चाय, कॉफी, चॉकलेट, या कैफीन युक्त खाद्य पदार्थ खाती हैं तो उनका असर दूध के जरिए बच्चे पर पड़ता है।
डेयरी उत्पाद या गाय के दूध का सेवन
माँ के द्वारा पनीर, चीज, दूध आदि का अत्यधिक सेवन भी कई बार बच्चे में गैस की समस्या को बढ़ाता है।
गैस की समस्या को कैसे पहचानें?
गैस की वजह से बच्चा रो रहा है या किसी और कारण से, यह पहचानने के लिए डॉक्टर “डायग्नोसिस बाय एक्सक्लूजन” का तरीका अपनाते हैं। यानी बाकी बीमारियों जैसे
अगर बच्चा बार-बार रो रहा है, तो यह केवल गैस की समस्या नहीं हो सकती। कई बार इसके पीछे बुखार, कान में संक्रमण, डायपर रैश या पाचन से जुड़ी कोई अन्य समस्या भी हो सकती है। ऐसे में बच्चे की पूरी तरह जांच करवाना ज़रूरी होता है ताकि सही कारण का पता चल सके और समय रहते इलाज हो सके।
को पहले चेक किया जाता है। अगर ये सब ठीक हों और फिर भी बच्चा बार-बार रोए, तो कोलिक की पुष्टि होती है।
आदिक जानकारी के लिए इस विडियो को जरुर देखे।
बच्चों में गैस से राहत के लिए घरेलू उपाय
अब जानते हैं कि बेबी कोलिक यानी गैस से राहत के लिए कौन-कौन से आसान और सुरक्षित घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं
1. सही तरीके से डकार दिलाना (Burping Technique)
हर बार बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसे अपने कंधे पर लेकर 10 से 15 मिनट तक धीरे-धीरे सहलाना चाहिए। इससे बच्चे को डकार आती है और पेट में फंसी हुई गैस बाहर निकल जाती है। दूध पिलाते समय भी बीच-बीच में रुककर बच्चे को डकार दिलाना फायदेमंद होता है, जिससे गैस जमा नहीं होती और बच्चा आराम महसूस करता है।
2. ओवरफीडिंग से बचाव
कई बार माँ एक तय मात्रा में दूध पिलाने की कोशिश करती हैं, जैसे 120ml या 150ml, लेकिन अगर बच्चा उससे कम दूध पीकर ही संतुष्ट होकर सो जाए, तो उसे ज़बरदस्ती और दूध पिलाने की जरूरत नहीं होती। बच्चे की भूख को समझना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि हर बच्चे की ज़रूरत अलग होती है और ज़बरदस्ती दूध पिलाने से उसे गैस या पेट की परेशानी हो सकती है।
3. सही लैचिंग तकनीक अपनाना
मां के स्तन से बच्चे को सही तरीके से दूध चूसने की तकनीक यानी लैचिंग सिखाना बहुत जरूरी होता है। अगर बच्चा गलत तरीके से लैच करता है, तो वह दूध के साथ हवा भी निगल लेता है, जिससे पेट में गैस बनती है और बच्चा परेशान हो सकता है। ऐसे में जरूरत हो तो डॉक्टर या स्तनपान सलाहकार (काउंसलर) की मदद जरूर लेनी चाहिए ताकि मां और बच्चा दोनों को सही मार्गदर्शन मिल सके।
4. साइक्लिंग मोशन एक्सरसाइज
बच्चे की टांगों को धीरे-धीरे साइकिल चलाने जैसी गति में हिलाना एक आसान और असरदार तरीका है। यह छोटी सी एक्सरसाइज बच्चे के पेट में फंसी गैस को बाहर निकालने में मदद करती है और उसे आराम मिलता है।
5. कलीक मसाज (Colic Massage)
बच्चे की नाभि के चारों ओर हल्के गर्म तेल से गोल-गोल घुमाकर धीरे-धीरे मालिश करना बहुत फायदेमंद होता है। यह मालिश पेट की गैस को नीचे की ओर बढ़ने में मदद करती है, जिससे गैस आसानी से बाहर निकल जाती है और बच्चे को राहत मिलती है।
6. व्हाइट नॉइस बजाना
यूट्यूब या मोबाइल ऐप्स पर मिलने वाली व्हाइट नॉइस, जैसे बारिश की आवाज़ या वैक्यूम क्लीनर की हल्की गूंज, सुनाने से बच्चे को सुकून महसूस होता है। इस तरह की आवाज़ें बच्चे का ध्यान भटकाने और उसे शांत करने में मदद करती हैं, जिससे उसका रोना भी कम हो सकता है।
7. खुले स्थान में घूमाना
बच्चे को अपने कंधे पर लेकर बालकनी, छत या किसी खुले आंगन जैसी जगह पर ले जाना एक अच्छा तरीका है। जब बच्चा नई और खुली जगह देखता है, तो कई बार उसका ध्यान बंटता है और वह धीरे-धीरे शांत हो जाता है।
8. कार राइड पर ले जाना
कई बार बच्चे को कार में बिठाकर थोड़ी देर सैर कराने से उसके शरीर में होने वाली हल्की कंपन और गाड़ी की आवाज़ से बच्चा शांत हो जाता है। यह वाइब्रेशन और आवाज़ बच्चे को सुकून देती है और उसका रोना बंद हो सकता है।

दवाओं और प्रोबायोटिक्स की मदद
अगर घरेलू उपायों से आराम न मिले, तो डॉक्टर की सलाह से कुछ मेडिसिन दी जा सकती हैं
सिमेथिकोन ड्रॉप्स (Simethicone)
गैस को तोड़कर बाहर निकालने में मदद करने वाली दवाइयां बच्चे को आराम पहुंचा सकती हैं। हालांकि, इन्हें डॉक्टर की सलाह और निगरानी में ही देना चाहिए ताकि बच्चे की सेहत सुरक्षित रहे।
प्रोबायोटिक ड्रॉप्स
यह प्रॉबायोटिक्स हाल ही में बहुत लोकप्रिय हुए हैं। ये अच्छे बैक्टीरिया बच्चे के पेट में जाकर पाचन तंत्र को बेहतर बनाते हैं। अगर इन्हें सही तरीके से और पूरा कोर्स दिया जाए तो बच्चे की गैस की समस्या में लंबे समय तक आराम मिल सकता है।
पेरेंट्स के लिए जरूरी सुझाव
धैर्य रखना बहुत जरूरी है क्योंकि बेबी कोलिक एक सामान्य और अस्थायी समस्या होती है। साथ ही डॉक्टर से सलाह लेना भी जरूरी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई गंभीर बीमारी तो नहीं है। खासकर स्तनपान कराने वाली माताओं को अपने खानपान का ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को अकेला न छोड़ें और जब तक उसका रोना बंद न हो, उसे प्यार और सहारा देते रहें। इस दौरान अत्यधिक तनाव या दबाव लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह समय भी बीत जाएगा, बस सही तरीके से देखभाल करनी है।
आख़िर में क्या समझना ज़रूरी है?
बच्चों का बार-बार और बिना कारण रोना, माता-पिता के लिए चिंता का विषय होता है। लेकिन यदि यह रोना बेबी कोलिक या गैस (Baby Gas)की समस्या के कारण है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। यह एक सामान्य और अस्थायी समस्या है जिसे घरेलू उपायों, उचित फीडिंग तकनीक और डॉक्टर की सलाह से आसानी से ठीक किया जा सकता है।
यदि आप सही समय पर सही जानकारी अपनाएं, तो ना केवल बच्चा आराम से रहेगा, बल्कि आपको भी मानसिक शांति मिलेगी
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