ग्लूकोमा क्या होता है? लक्षण, कारण और इलाज
नमस्कार दोस्तो, 14 Best ways to know eyes diseases. आंखों की बीमारियों को जानने के 14 बेहतरीन उपाय। इस ब्लॉग मे आपका स्वागत है.

आईए समझते हैं थोड़ी आसान भाषा में
ग्लूकोमा (Glaucoma) एक गंभीर आंखों (Eyes) की बीमारी है, जो दुनिया भर में दृष्टिहीनता (अंधापन) का प्रमुख कारण है। इस बीमारी में आंखों (Eyes) के अंदर का दबाव (आई प्रेशर) धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। ऑप्टिक नर्व वह तंत्रिका है जो हमारी आंखों से मस्तिष्क तक दृष्टि की जानकारी भेजती है। ग्लूकोमा की प्रारंभिक अवस्था में इसका पता लगाना मुश्किल होता है, लेकिन समय रहते अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकता है।
इस Blog में हम ग्लूकोमा के लक्षण, कारण और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे ताकि आप इस बीमारी के बारे में बेहतर समझ प्राप्त कर सकें और समय पर उचित कदम उठा सकें।
ग्लूकोमा क्या है?
ग्लूकोमा एक नेत्ररोग है जिसमें आंखों (Eyes) के अंदर तरल पदार्थ (एक्वस ह्यूमर) का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि आंखों (Eyes) के अंदर दबाव बढ़ने लगता है, जिसे इंट्राऑक्यूलर प्रेशर (IOP) कहते हैं। जब यह दबाव बढ़ता है, तो यह ऑप्टिक नर्व को क्षति पहुँचाता है। यह क्षति धीरे-धीरे बढ़ती है और अगर समय रहते उपचार न किया जाए, तो यह स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है।
ग्लूकोमा की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर अदृश्य होते हैं। इसलिए इसे “साइलेंट थिफ ऑफ साइट” कहा जाता है, जिसका मतलब है कि यह दृष्टि को बिना किसी विशेष चेतावनी के चुरा लेता है। इसके बावजूद, कुछ मामलों में लोग प्रारंभिक लक्षणों को अनुभव कर सकते हैं।
ग्लूकोमा के प्रकार
ग्लूकोमा के मुख्यतः दो प्रकार होते हैं
ओपन-एंगल ग्लूकोमा (Open-Angle Glaucoma)
ओपन-एंगल ग्लूकोमा ग्लूकोमा का सबसे सामान्य प्रकार है। इसमें आंखों के अंदर मौजूद तरल पदार्थ का प्रवाह धीरे-धीरे कम हो जाता है, जिससे आंखों के अंदर का दबाव बढ़ने लगता है। यह बढ़ा हुआ दबाव धीरे-धीरे ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाता है। इस प्रकार के ग्लूकोमा में आमतौर पर किसी प्रकार का दर्द या साफ लक्षण नहीं दिखाई देते, इसलिए लोग इसे समय रहते पहचान नहीं पाते। शुरुआत में सिर्फ किनारों की दृष्टि प्रभावित होती है, और जब तक व्यक्ति को इस समस्या का अहसास होता है, तब तक दृष्टि को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है।
क्लोज-एंगल ग्लूकोमा (Closed-Angle Glaucoma)
क्लोज-एंगल ग्लूकोमा एक दुर्लभ लेकिन बेहद गंभीर प्रकार का ग्लूकोमा है। इसमें आंखों के अंदर मौजूद तरल पदार्थ के बहाव का रास्ता अचानक बंद हो जाता है, जिससे आंखों का दबाव बहुत तेजी से बढ़ता है। यह स्थिति अत्यधिक पीड़ादायक हो सकती है और यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए तो यह स्थायी दृष्टिहीनता का कारण बन सकती है। इस प्रकार के ग्लूकोमा में व्यक्ति को अचानक तेज आंखों का दर्द, सिरदर्द, आंखों में लालपन और धुंधली दृष्टि जैसी समस्याएं महसूस हो सकती हैं।
आदिक जानकारी के लिए इस विडियो को जरुर देखे।
ग्लूकोमा के लक्षण
ग्लूकोमा के लक्षण व्यक्ति पर निर्भर करते हैं और इसका प्रकार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, यहां कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं:
- धीरे-धीरे दृष्टि खोना: खासकर किनारों की दृष्टि (Peripheral vision) से शुरू होकर धीरे-धीरे पूरी दृष्टि पर असर डालता है।
- धुंधली दृष्टि: समय के साथ दृष्टि में स्पष्टता कम हो सकती है।
- आंखों में दर्द या असहजता: खासकर क्लोज-एंगल ग्लूकोमा के मामलों में।
- आंखों में लालपन: खासकर क्लोज-एंगल ग्लूकोमा में।
- तेज सिरदर्द और मतली: क्लोज-एंगल ग्लूकोमा में यह लक्षण अधिक सामान्य होते हैं।
- रात के समय दृष्टि में समस्या: रात के समय रोशनी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ सकती है और दृष्टि धुंधली हो सकती है।
ग्लूकोमा के कारण
ग्लूकोमा के प्रमुख कारणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- आनुवांशिकता (Genetics): अगर आपके परिवार में किसी को ग्लूकोमा है, तो आपको भी इसके होने की संभावना अधिक होती है।
- उम्र (Age): 40 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों में ग्लूकोमा होने की संभावना अधिक होती है।
- आंखों की चोट (Eye injury): आंखों (Eyes) में किसी भी प्रकार की चोट ग्लूकोमा के विकास का जोखिम बढ़ा सकती है।
- हाई ब्लड प्रेशर: उच्च रक्तचाप और आंखों (Eyes) के अंदर बढ़ते दबाव के बीच संबंध हो सकता है, जिससे ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है।
- स्टेरॉयड्स का उपयोग: लंबे समय तक स्टेरॉयड्स लेने से ग्लूकोमा का जोखिम बढ़ सकता है।
- अन्य नेत्ररोग: कुछ अन्य आंखों (Eyes) की बीमारियों, जैसे मायोपिया या हाइपरमेट्रोपिया, के कारण भी ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है।
ग्लूकोमा के निदान के लिए परीक्षण
ग्लूकोमा के परीक्षण निम्नलिखित होते हैं:
- टोनोंमेट्री (Tonometry): यह परीक्षण आंखों (Eyes) के अंदर के दबाव को मापने के लिए किया जाता है। आंखों की सतह को सुन्न करके एक विशेष उपकरण से दबाव मापा जाता है।
- ऑप्टिक नर्व का मूल्यांकन (Optic Nerve Evaluation): डॉक्टर ऑप्टिक नर्व की स्थिति की जांच करते हैं, यह देखने के लिए कि कहीं इसमें कोई क्षति तो नहीं है।
- विजुअल फील्ड टेस्ट (Visual Field Test): यह परीक्षण यह मापता है कि आप कितनी दूरी तक देख सकते हैं, विशेष रूप से किनारों पर।
- गोनियोस्कोपी (Gonioscopy): इस परीक्षण में आंखों के ड्रेनेज एंगल की जांच की जाती है, ताकि यह पता चल सके कि तरल पदार्थ का बहाव ठीक से हो रहा है या नहीं।
- पचिमेट्री (Pachymetry): यह परीक्षण कॉर्निया की मोटाई मापने के लिए किया जाता है। कॉर्निया की मोटाई ग्लूकोमा के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
ग्लूकोमा का उपचार
ग्लूकोमा के उपचार का उद्देश्य आंखों (Eyes) के दबाव को नियंत्रित करना और दृष्टि को स्थायी रूप से खोने से बचाना है। ग्लूकोमा का इलाज निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:
- दवाएं (Medications): ग्लूकोमा का सबसे सामान्य उपचार दवाओं के माध्यम से किया जाता है। डॉक्टर आमतौर पर आई ड्रॉप्स या गोलियों का उपयोग करते हैं, जो आंखों के दबाव को कम करने में मदद करते हैं। यह दवाएं या तो आंखों में बनने वाले तरल पदार्थ की मात्रा को कम करती हैं या तरल पदार्थ के बहाव को बढ़ाती हैं।
- लेजर सर्जरी (Laser Surgery): यदि दवाएं आंखों के दबाव को नियंत्रित करने में असफल होती हैं, तो लेजर सर्जरी की जा सकती है। इस प्रक्रिया में डॉक्टर लेजर बीम का उपयोग करके आंखों (Eyes) के अंदर के तरल पदार्थ के बहाव को बेहतर बनाते हैं। यह तरीका विशेष रूप से ओपन-एंगल ग्लूकोमा में उपयोगी होता है।
- परंपरागत सर्जरी (Traditional Surgery): गंभीर मामलों में, जब अन्य उपचार काम नहीं करते, तो डॉक्टर पारंपरिक सर्जरी का सहारा ले सकते हैं। इस प्रक्रिया में एक नया ड्रेनेज पाथवे बनाया जाता है, ताकि तरल पदार्थ आसानी से बह सके और आंखों का दबाव कम हो सके।
- आई स्टेंट (iStent): यह एक नई तकनीक है, जिसमें एक छोटा स्टेंट आंखों (Eyes) के अंदर डाला जाता है, जो तरल पदार्थ के बहाव को नियंत्रित करने में मदद करता है।
ग्लूकोमा से ग्रस्त लोगों के लिए टिप्स
- दवाओं का नियमित उपयोग करें: डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का नियमित उपयोग करें। किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
- सर्जरी के बाद देखभाल: अगर आपकी सर्जरी हुई है, तो पोस्ट-ऑपरेटिव देखभाल पर विशेष ध्यान दें। डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन करें।
- मानसिक तनाव से बचें: मानसिक तनाव से आंखों का दबाव बढ़ सकता है, इसलिए योग और ध्यान जैसी तकनीकों का अभ्यास करें।
- पर्याप्त नींद लें: अच्छी नींद न केवल आपकी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आंखों (Eyes) के लिए भी फायदेमंद है।
- धूप से बचें: ग्लूकोमा में आंखों की संवेदनशीलता बढ़ जाती है, इसलिए धूप में बाहर निकलते समय धूप के चश्मे (सनग्लासेस) का उपयोग करें।
- आहार पर ध्यान दें: हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, और विटामिन A से युक्त खाद्य पदार्थ आंखों के लिए अच्छे होते हैं।
उपचार के नए शोध और विकास
ग्लूकोमा के उपचार में निरंतर शोध हो रहे हैं। आधुनिक चिकित्सा के तहत नए दवाओं और सर्जरी तकनीकों का विकास हो रहा है, जैसे कि मिक्रोइनवेसिव ग्लूकोमा सर्जरी (MIGS), जो आंखों (Eyes) पर कम दवाब डालने के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प है। इसके अलावा, वैज्ञानिक ग्लूकोमा की जड़ों को समझने के लिए जीनोमिक्स और बायोमार्कर्स का अध्ययन कर रहे हैं, जिससे शुरुआती निदान और उपचार के नए तरीके विकसित हो सकते हैं।
सामाजिक जागरूकता और सहारा
ग्लूकोमा जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। इस संदर्भ में, कई गैर-लाभकारी संस्थाएं और स्वास्थ्य संगठन लोगों को इसके बारे में जानकारी प्रदान करने, नेत्र जांच कैम्प आयोजित करने और समाज में इसकी पहचान बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। इन प्रयासों से लोग समय रहते अपनी आँखों (Eyes) की देखभाल पर ध्यान देंगे और दृष्टिहीनता से बच सकेंगे।

ग्लूकोमा का समाज पर प्रभाव
ग्लूकोमा एक वैश्विक समस्या है और इससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, ग्लूकोमा दृष्टिहीनता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसके कारण न केवल व्यक्ति की दृष्टि प्रभावित होती है, बल्कि इसके कई आर्थिक और सामाजिक प्रभाव भी होते हैं।
1. आर्थिक प्रभाव:
ग्लूकोमा के रोगियों को दवाइयों, नियमित जांच और संभावित सर्जरी के लिए भारी आर्थिक व्यय करना पड़ता है। इसके अलावा, जिन लोगों की दृष्टिहीनता ग्लूकोमा से हो जाती है, उन्हें अपने पेशेवर जीवन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। कई लोग अपनी नौकरी खो देते हैं या उनके काम करने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे उनकी आय में गिरावट आती है।
2. सामाजिक प्रभाव:
दृष्टिहीनता के कारण व्यक्ति की समाज में भागीदारी कम हो जाती है। वह आत्मनिर्भरता खो सकता है, जिससे उसके आत्मसम्मान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त, परिवार के अन्य सदस्य भी इस स्थिति से प्रभावित होते हैं, क्योंकि उन्हें रोगी की देखभाल में समय और संसाधन समर्पित करने की आवश्यकता पड़ती है।
3. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव:
ग्लूकोमा और दृष्टिहीनता के कारण रोगियों में मानसिक तनाव, अवसाद, और चिंता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। दृष्टिहीनता की संभावना से रोगी हमेशा डर में रहते हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

ग्लूकोमा के जोखिम कारक (Risk Factors)
ग्लूकोमा का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ प्रमुख जोखिम कारक हैं जो इस रोग की संभावना को बढ़ा सकते हैं। इन्हें समझकर आप ग्लूकोमा के प्रति अधिक सतर्क रह सकते हैं:
- उम्र: जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, ग्लूकोमा का जोखिम भी बढ़ जाता है। 40 वर्ष की आयु के बाद यह जोखिम और अधिक हो जाता है।
- वंशानुगत कारक (Genetics): यदि आपके परिवार में किसी को ग्लूकोमा है, तो आपको इसका खतरा अधिक हो सकता है। यह रोग वंशानुगत हो सकता है, इसलिए पारिवारिक इतिहास की जानकारी रखना महत्वपूर्ण है।
- मायोपिया (Nearsightedness): अत्यधिक मायोपिया (दूर की चीज़ें धुंधली दिखना) ग्लूकोमा का खतरा बढ़ा सकता है।
- आंखों की चोटें (Eye Injuries): आंखों (Eyes) पर लगी चोटें या दुर्घटनाएँ ग्लूकोमा के जोखिम को बढ़ा सकती हैं, खासकर यदि इससे आंखों का आंतरिक दबाव प्रभावित हुआ हो।
- अन्य बीमारियाँ: मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और हृदय रोग जैसी बीमारियाँ भी ग्लूकोमा का जोखिम बढ़ा सकती हैं।
- अंधेरे में आँखों (Eyes) का उपयोग: शोध से पता चला है कि अंधेरे में टीवी देखना या कंप्यूटर का उपयोग करने से भी ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है। यह इसलिए होता है क्योंकि अंधेरे में आँखों का अधिक उपयोग करने से आंखों (Eyes) का दबाव बढ़ सकता है।
- दीर्घकालिक स्टेरॉयड उपयोग: लंबे समय तक स्टेरॉयड लेने से भी ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है। यदि आप स्टेरॉयड आधारित दवाओं का उपयोग कर रहे हैं, तो इसे ध्यान में रखें और अपने डॉक्टर से सलाह लें।
ग्लूकोमा की रोकथाम (Prevention)
ग्लूकोमा का पूर्ण रोकथाम संभव नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे कदम हैं जो इसके जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं:
- नियमित नेत्र परीक्षण: नियमित नेत्र परीक्षण के माध्यम से आप ग्लूकोमा का शीघ्र निदान कर सकते हैं। जिन लोगों को पारिवारिक इतिहास है या अन्य जोखिम कारक हैं, उन्हें 40 वर्ष के बाद नियमित जांच करानी चाहिए।
- आंखों की सुरक्षा: आंखों पर चोट लगने से बचें। यदि आप किसी ऐसी गतिविधि में हैं जिसमें आंखों (Eyes) को चोट लगने का खतरा हो, तो सुरक्षा चश्मे का उपयोग करें।
- स्वास्थ्य पर ध्यान दें: उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों को नियंत्रित में रखें। स्वस्थ जीवनशैली, व्यायाम और संतुलित आहार आपके पूरे शरीर की सेहत के लिए फायदेमंद होती है, जिसमें आपकी आंखें भी शामिल हैं।
- योग और ध्यान: मानसिक तनाव से बचने के लिए योग और ध्यान का सहारा लें। तनावमुक्त जीवन जीने से आपके आंखों (Eyes) का दबाव सामान्य बना रह सकता है।
- संतुलित आहार: आंखों की सेहत के लिए जरूरी पोषक तत्वों से युक्त आहार लें, जिसमें विटामिन ए, सी, और ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स और एंटीऑक्सिडेंट्स शामिल हों।
- धूम्रपान न करें: धूम्रपान न केवल आपके दिल और फेफड़ों के लिए हानिकारक है, बल्कि आपकी आंखों के लिए भी। धूम्रपान से ग्लूकोमा का खतरा बढ़ जाता है।
ग्लूकोमा के रोगियों के लिए दैनिक जीवन में सुझाव
ग्लूकोमा के रोगी अपनी दिनचर्या में कुछ सावधानियां अपनाकर अपनी दृष्टि की रक्षा कर सकते हैं:
- अपनी दवाओं का समय पर उपयोग करें: दवाएं आपकी दृष्टि को बचाने में सहायक होती हैं। डॉक्टर द्वारा निर्धारित समय पर दवाओं का सेवन करें और दवाओं को छोड़ने या बदलने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- वजन को नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखने से आपकी आंखों (Eyes) के दबाव को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। नियमित व्यायाम करें और संतुलित आहार लें।
- समय-समय पर आंखों की जांच कराएं: आपकी दृष्टि में कोई भी बदलाव हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलें। समय पर उपचार आपको ग्लूकोमा के प्रभावों से बचा सकता है।
- प्रकाश व्यवस्था पर ध्यान दें: घर में और कार्यस्थल पर पर्याप्त रोशनी रखें, ताकि आपकी आंखों (Eyes) पर दबाव न पड़े।
- आँखों की नियमित सफाई: धूल और गंदगी से बचने के लिए आँखों की नियमित सफाई करें। खासकर अगर आप किसी प्रदूषित स्थान पर रहते हैं या काम करते हैं।
ग्लूकोमा पर जागरूकता
ग्लूकोमा से संबंधित जागरूकता फैलाना बेहद महत्वपूर्ण है। इसे रोकने और प्रभावी उपचार के लिए, समाज में इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी होनी चाहिए। विभिन्न संस्थाएं, चिकित्सालय, और नेत्र रोग विशेषज्ञ ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं, जहां लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी दी जाती है और मुफ्त नेत्र जांच की जाती है। इस तरह के प्रयासों से लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सकता है और समय पर निदान संभव हो सकता है।
मुख्य सारांश और अंतिम विचार
ग्लूकोमा एक गंभीर नेत्र रोग है जो शुरुआती चरणों में लक्षण रहित होता है, लेकिन इसका समय पर निदान और उपचार बेहद जरूरी है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में इसके उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी आँखों (Eyes) का नियमित परीक्षण कराएं और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। इस बीमारी को नियंत्रण में रखना संभव है, लेकिन इसके लिए आपकी सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है।
अपनी दृष्टि को सुरक्षित रखने के लिए इन सभी सुझावों को अपनाएं और समय-समय पर नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें। आपकी आंखें (Eyes) आपकी दुनिया को देखने का माध्यम हैं, इसलिए इनकी देखभाल में कोई कसर न छोड़ें।
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